लखनऊ:उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने इंदिरा भवन स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त शिकायतों की सुनवाई की. उन्होंने मामलों का त्वरित निस्तारण करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए. सुनवाई के दौरान कुछ मामलों में अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी भी जताई.
डॉ. आनंद कुमार की नियुक्ति का निस्तारण:प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में सहायक आचार्य पद पर डॉ. आनंद कुमार को कार्यभार ग्रहण न कराने की शिकायत पर आयोग ने कार्रवाई की. उनकी पत्नी डॉ. पारूल सिंह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद आयोग के निर्देश पर डॉ. आनंद को कार्यभार ग्रहण करा दिया गया. मामले को निस्तारित घोषित किया गया.
बाराबंकी के शिव कुमार प्रकरण में अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी:शिव कुमार की शिकायत पर सुनवाई के दौरान रामसनेहीघाट के उपजिलाधिकारी की अनुपस्थिति पर अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी जताई. आयोग ने 23 दिसंबर 2024 को उपजिलाधिकारी और क्षेत्राधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने के निर्देश दिए.
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यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग ने अफसरों की अनुपस्थिति पर जतायी नाराजगी, शिकायतों पर कार्रवाई का आदेश - LUCKNOW NEWS
UP Backward Class Commission: उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने कई जनपदों से मिली शिकायतों पर कार्रवाई का आदेश दिया.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Dec 10, 2024, 6:54 PM IST
सीतापुर की रेखा देवी के जाति प्रमाण पत्र का मामला:रेखा देवी को जाति प्रमाण पत्र जारी न होने के मामले में महमूदाबाद के उपजिलाधिकारी की गैरमौजूदगी पर आयोग ने गंभीर रुख अपनाया. उन्होंने उपजिलाधिकारी के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजने का निर्णय लिया. आयोग ने इसे प्रशासनिक लापरवाही करार दिया है.
दिव्यांगता प्रमाण पत्र में त्रुटि:रामजी के पुत्र के दिव्यांगता प्रमाण पत्र त्रुटि मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि 23 दिसंबर तक सही प्रमाण पत्र जारी किया जाए. अध्यक्ष ने भविष्य में इस तरह की त्रुटियों से बचने के लिए विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है.
बागपत पुलिस पर फर्जी मुकदमे का आरोप:दीपक कुमार द्वारा बागपत पुलिस पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने की शिकायत को आयोग ने गंभीरता से लिया है. पुलिस अधीक्षक को मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए गए हैं. आयोग ने जल्दबाजी में चार्जशीट दाखिल करने से बचने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की.
समयबद्ध निस्तारण के निर्देश:आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी है कि शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध और निष्पक्ष तरीके से सुनिश्चित किया जाए. सुनवाई के दौरान अध्यक्ष राजेश वर्मा ने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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