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बिहार के धमौन की 'छाता होली' है खास, गले मिल गाते हैं फाग, उड़ाते हैं गुलाल - Chata Holi

Holi 2024: समस्तीपुर में छाता होली मनाने की परंपरा है. इसके तहत गांव के बच्चे, महिलाएं व पुरुष काफी संख्या में शामिल होते हैं और अपने आराध्य देव के पवित्र स्थान पर एकत्र होकर रंग और गुलाल उड़ाते हैं. यहां जाने क्यों खास है छाता होली.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 25, 2024, 1:07 PM IST

धमौन की छाता होली

समस्तीपुर: मथुरा, ब्रज, वृंदावन समेत देश के कई हिस्सों में होली का खास रंग दिखता है. कुछ ऐसा ही अलग रंग व परंपरा को समेटे हुए बिहार के धमौन की छाता होली है. समस्तीपुर में बदलते वक्त के साथ यहां आयोजित होने वाली छाता होली और भी खास होती जा रही है. जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर बसा पटोरी प्रखंड का गांव धमौन है. जहां की छतरी होली देश में प्रसिद्ध है.

छतरी के साथ मनाई जाती हो होली: होली के मौके पर छतरी लेकर फगुआ मनाने का खास रंग यहां आकर्षण का केंद्र बनता है. जिसे देखने दूर दराज से लाखों लोग धमौन पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों की माने तो बीते कई दशकों से यहां कुछ इसी तरह छतरी होली का आयोजन होता है. जिसकी तैयारी होली के कई दिनों पहले से ही यहां दिखने लगती है. इस छतरी होली के दौरान पूरे पंचायत में कई दर्जन छतरी का निर्माण होता है. रंग-बिरंगी छतरी को लेकर सैंकड़ो लोगों का ग्रुप गांव होते हुएकुल देवता स्वामी निरंजन मंदिर परिसर में पहुंचते हैं.

छतरी बनाने वाले को किया जाता है सम्मानित: मंदिर पहुंचने के बाद रंग और गुलाल से लोग एक दूसरे को सराबोर करते है. स्थानीय निवासी की माने तो छाता होली को लेकर इस गांव में खास छतरी बनाने का काम कई दिनों तक चलता है और सबसे खास छतरी बनाने वाले को सम्मानित भी किया जाता है. वैसे यह छतरी होली कब से यहां मनाई जा रही है इसको लेकर कोई आकलन नहीं है लेकिन वक्त के साथ यहां के लोग इस परंपरा को जिंदा रखते हुए इसका आयोजन करते हैं. जिसे देखने लाखों की संख्या में लोग इस रंगों के उत्सव के दौरान धमौन पहुंचते हैं.

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