गुवाहाटी: असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगशो के तीन किलो इलाके में कोयला खदान में लापता खनिकों के बचने की उम्मीद सात दिन बीत जाने के बाद भी क्षीण होती जा रही है. बचाव दल ने पिछले शनिवार तक बाढ़ग्रस्त खदान से चार शव निकाले थे. लापता 9 मजदूरों में से पांच अभी भी कोयला खदान के अंदर फंसे हुए हैं.
दीमा हसाओ जिला प्रशासन ने सोमवार को कहा कि, पास की तीन खदानों से पानी निकालने के लिए छह और उच्च क्षमता वाले पंप लगाए गए हैं. 9 पंपों की सहायता कोयला खदान से पानी निकालने का काम जारी है. जिला प्रशासन ने आगे कहा कि भारतीय नौसेना की टीम सोमवार को घटनास्थल से वापस चली गई थी. अधिकारियों ने कहा, "सुबह मिली रिपोर्ट के अनुसार जलस्तर 0.3 मीटर कम हुआ है."
तीन किलो में बंद पड़ी कोयला खदान में पिछले सोमवार को जब कुछ मजदूर खदान के अंदर काम कर रहे थे, उस समय पानी भर गया था. पास की खदान से पानी का तेज बहाव आने के कारण कुछ मजदूर खदान से किसी तरह बाहर निकल गए जबकि कम से कम 9 अन्य अंदर फंसे से रह गए. असम खनिज विकास निगम ने करीब 12 साल पहले इस खदान से कोयला निकालने का काम बंद कर दिया था. पिछले सोमवार (6 जनवरी, 2025) को बदकिस्मत खनिकों ने बंद खदान से कोयला निकालने के लिए अवैध रूप से कोयला खदान के अंदर प्रवेश किया था.
दीमा हसाओ जिले की पुलिस ने पहले ही मामला दर्ज कर लिया है और जिले में अवैध खनन गतिविधि के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. सेना, असम राइफल्स, भारतीय नौसेना, राज्य आपदा बचाव बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा बचाव बल (एनडीआरएफ) और कोल इंडिया लिमिटेड ने बचाव अभियान में शामिल हुए. भारतीय नौसेना के साथ-साथ कोल इंडिया लिमिटेड की टीम ने फंसे हुए खनिकों का पता लगाने के लिए सोनार और पानी के नीचे रिमोट से चलने वाले वाहनों जैसे उच्च तकनीक वाले उपकरण मंगवाए थे.
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