पटना: भारतीय जनता पार्टीने इस बार के लोकसभा चुनाव में कई पुराने उम्मीदवारों को पत्ता काट नए लोगों पर अपना भरोसा जताया है. इसका व्यापक असर बिहार की लोकसभा सीटों पर भी देखने को मिला. रविवार को पार्टी ने बिहार के 17 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इस दौरान सबकी नजर बक्सर लोकसभा सीट पर टिकी थी. पार्टी ने विश्वामित्र की धरती बक्सर लोकसभा सीट पर बड़ा बदलाव किया है. पार्टी ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का टिकट काट दिया है. वहीं, अश्वनी चौबे के शिष्य को बक्सर की लड़ाई जीतने के लिए मैदान में उतरा है.
ब्राह्मण जाति के उम्मीदवार को उतारा: दरअसल, बक्सर लोकसभा सीट हॉट केक की तरह है. इस सीट के बारे में कहा जाता है कि यहां ब्राह्मण जाति ने जिसके पक्ष में मतदान कर दिया, उनका जीतना तय है. पिछले कई लोकसभा चुनाव से भाजपा बक्सर लोकसभा सीट पर ब्राह्मण जाति के ही उम्मीदवार को मैदान में उतारती आ रही है. यहां से चार बार लाल मुनी चौबे सांसद रहे तो वहीं दो बार अश्विनी चौबे. अश्विनी चौबे को केंद्र की सरकार में मंत्री बनने का भी मौका मिला. वहीं, पार्टी ने इस बार भी ब्राह्मण उम्मीदवार को मैदान में उतारा है.
बक्सर से मिथिलेश तिवारी को मिला मौका:अश्विनी चौबे को जिस शख्स ने रिप्लेस किया है उनका नाम मिथिलेश तिवारी है. मिथिलेश तिवारी गोपालगंज के रहने वाले हैं और एक बार विधायक भी रह चुके हैं. संजय जयसवाल की कमेटी में मिथिलेश तिवारी प्रदेश उपाध्यक्ष थे. लेकिन इस बार सम्राट चौधरी ने उन्हें अपनी टीम में प्रदेश महामंत्री बनाया है. मिथिलेश तिवारी युवा नेता हैं और कभी अश्विनी चौबे के शिष्य हुआ करते थे. अश्विनी चौबे के पाठशाला में ही मिथिलेश तिवारी ने राजनीति के गुर सीखे थे. अश्वनी चौबे से मिथिलेश तिवारी का करीबी रिश्ता भी था.