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अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर क्यों बैठ गईं पूर्व मंत्री मीना सिंह, ये मांगें उठाईं - Umaria Former Minister Dharna

मंगलवार को मानपुर की बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री मीना सिंह अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गईं. मामला बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलने का है.

Umaria Former Minister Dharna
स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग करती पूर्व मंत्री मीना सिंह (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 7:46 PM IST

उमरिया।एक अक्टूबर से टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. दूर-दूर से पर्यटक बाघों के दीदार के लिए पहुंच रहे हैं. धरने पर बैठीं पूर्व मंत्री मीना सिंह का कहना है"बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है, जिसमें जिप्सी भी एक रोजगार का बड़ा माध्यम है, लेकिन रोड से पार्क के अंदर आने जाने वाली जिप्सी का टेंडर इस बार दूसरी कंपनी को मिला है, जिससे जिप्सी का प्रयोग कर रहे लोकल लोगों का रोजगार छिन गया है. इसके बाद प्रबंधन के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया."

स्थानीय लोगों ने लगाया रोजगार छीनने का आरोप

पार्क कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि उनके लिए जिप्सी एक बड़ा रोजगार का साधन था. लेकिन अब वह भी उनसे छिन गया है, जिसे लेकर वो अनशन और प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन में उस समय और खलबली मच गई जब पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक मीना सिंह भी प्रदर्शन कर रहे लोगों का साथ देने लगी. पूर्व मंत्री मीना सिंह का कहना है "वह सरकार के खिलाफ नहीं हैं. वह तो प्रबंधन की नीतियों के खिलाफ हैं. इसलिए वह लोगों के साथ प्रदर्शन पर उतरी हैं." पूर्व मंत्री ने जमीन पर बैठकर लोगों के साथ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.

पूर्व मंत्री मीना सिंह रोष जताते हुए (ETV BHARAT)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व कार्यालय के बाहर धरना (ETV BHARAT)

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मीना सिंह ने की पूरी प्रक्रिया में सुधार करने की मांग

मीना सिंह का कहना है"जो स्थानीय लोग पहले से लगे हुए हैं, 20 गांवों के लोगों ने गाड़ी ली है, उनको पार्क के अंदर जाने की परमिशन नहीं मिल पा रही है, लड़ाई इसकी चल रही है. जिन्होंने पार्क को खड़ा करने में इतना योगदान दिया है. इसके बाद भी आज उन्हीं के पास लोकल लोगों के पास ही काम नहीं है. आज भी प्रबंधन से मिलकर आ रही हूं. उनका यही जवाब है कि ये पहले से चली आ रही प्रक्रिया है. पहले से चली आ रही प्रक्रिया है तो इसे ठीक कौन करेगा, इसे ठीक कीजिए हमारा कहना ये है."

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