देहरादून: उत्तराखंड में बीते दिनों हुई मॉनसूनी बारिश ने काफी तबाही मचाई है. मैदानी इलाकों में जहां बाढ़ की समस्या पैदा हो गई थी तो वहीं पहाड़ी जिलों में भूस्खलन ने शासन-प्रशासन और पुलिस की मुश्किल बढ़ा रखी है. शुक्रवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने राज्य आपातकालीन केंद्र पहुंचकर मॉनसून में प्रदेश की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.
इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने 22 जुलाई से हरिद्वार में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर भी चर्चा की. सबसे पहले आनंद स्वरूप ने उत्तराखंड में मॉनसूनी बारिश के चलते बंद नेशनल हाईवे, राज्य राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों को लेकर जानकारी ली. उन्होंने जीआईएस के माध्यम से भूस्खलन क्षेत्रों का भी जायजा लिया.
ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर जोगीधारा में बार-बार हो रहे लैंडस्लाइड के स्थायी समाधान को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों के संग चर्चा की. बैठक में तय हुआ कि जल्द ही यूएसडीएमए और यूएलएमएमसी (UTTARAKHAND LANDSLIDE MITIGATION AND MANAGEMENT CENTER) की टीम प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करेगी, ताकि जोगीधारा में होने वाले भूस्खलन को रोका जा सके.
इसके बैठक में तय किया गया है कि पहले भी जिन भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट किया है, उन इलाकों की संबंधित विभाग नियमित तौर पर निगरानी करें. ताकि कहीं फेंसिंग टूटी हो या अन्य टूट-फूट हो तो समय रहते उसकी मरम्मत की जा सके.