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'विकास कार्यों के दौरान पर्यावरण का भी रखें ध्यान', यूकेपीसीबी ने निर्माण एजेंसी को भेजा पत्र

विकास कार्यों में पर्यावरण से छेड़छाड़ मामले में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त, पेयजल निगम को भेजा पत्र, मानवाधिकार आयोग ने भी लिया संज्ञान

Uttarakhand Pollution Control Board
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (गौरा देवी पर्यावरण भवन) (फोटो- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 28, 2024, 6:22 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से सीवरेज का काम कर रहे पेयजल निगम को पत्र भेजा है. यह पत्र विकास कार्यों को करने के दौरान पर्यावरण संरक्षण के लिए निर्माण एजेंसी को ध्यान दिलाने से जुड़ा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने समाजसेवी अजय कुमार की शिकायत पर यह कदम उठाया है. खास बात ये है कि अजय कुमार ने मानवाधिकार आयोग में भी इसकी शिकायत की है, जिसका संज्ञान आयोग ने भी लिया है.

दरअसल, देहरादून में पर्यावरण प्रदूषण खराब स्थिति तक पहुंच गया है. कुछ दिन पहले तक देहरादून की आबोहवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन बाद में इसमें कुछ सुधार देखने को मिला. दीपावली के बाद तो राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कुछ जगह पर 300 पार कर गया था. हालांकि, अब भी इसका स्तर 100 से पार है, जो खराब की श्रेणी में आता है.

वैसे तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) की तरफ से पर्यावरण प्रदूषण को लेकर तमाम इंडस्ट्री को नोटिस जारी होते रहे हैं, लेकिन विकास कार्यों के दौरान पर्यावरण की अनदेखी के लिए कोई खास कदम पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से नहीं उठाए गए. ऐसे में अब समाजसेवी अजय कुमार ने इस और बोर्ड का ध्यान खींचा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए समाजसेवी अजय कुमार ने कहा कि उनकी ओर से पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में दूधली मोथरोवाला क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़क से हो रहे प्रदूषण की शिकायत की गई थी. जिसका संज्ञान लेते हुए पेयजल निगम को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से पत्र भेजा गया है. ताकि, निर्माण एजेंसी काम करते समय पर्यावरण प्रदूषण के उपाय पर भी काम कर सकें.

मानवाधिकार आयोग में भी अजय कुमार ने की है शिकायत: समाजसेवी अजय कुमार ने मानवाधिकार आयोग में भी इसकी शिकायत की है. खास बात ये है कि आयोग ने भी इस शिकायत को दर्ज कर लिया है और जल्द ही इस पर नोटिस भी जारी हो सकते हैं.

समाजसेवी अजय कुमार ने बताया कि स्वच्छ हवा का अधिकार सभी को है और देहरादून की सड़कों को जिस तरह खोदकर इस पर निर्माण हो रहे हैं. इसके कारण धूल उड़ रही है, जो पर्यावरण में फैल रहा है, उससे पर्यावरण दूषित हो रहा है. इसी स्थिति को देखते हुए उनकी ओर से पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और मानवाधिकार आयोग में इसकी शिकायत की गई थी.

बारिश न होने से भी प्रदूषण ने बढ़ाई परेशानी:देहरादून में तमाम विकास के कार्यों के चलते प्रदूषण की मात्रा बढ़ गई है. पर्यावरण में धूल के कारण प्रदूषण भी फैल रहा है, जिसके चलते खासकर गंभीर बीमारी से ग्रसित और बुजुर्ग लोगों को दिक्कतें आ रही है. चिंता की बात ये है कि काफी लंबे समय से बारिश न होने के कारण प्रदूषण में कमी को भी रिकॉर्ड नहीं किया जा सका है. जबकि, बारिश होने की स्थिति में पर्यावरण में फैले धूल के कण पानी के साथ जमीन पर पहुंच जाते हैं. इससे प्रदूषण की मात्रा में कमी आती है.

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