उज्जैन.बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मंगल के जन्म स्थान, कर्क रेखा, संदीपनी आश्रम और न जाने कितनी वजहों से विश्व प्रसिद्ध है. ऐसे में इस धर्म नगरी के इतिहास को संजो कर रखने और उसे लोगों के बीच प्रसारित करने की अनूठी पहल की जा रही है. दरअसल, उज्जैन के 136 साल पुराने कोठी महल में अब वीर भारत संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है. यह संग्रहालय भगवान श्रीराम की 96 पीढ़ियों के साथ 30 हजार साल पुराने इतिहास के साथ-साथ युगों व पूर्व वैदिक व उत्तर वैदिक नायकों का चित्रण करेगा.
सिंहस्थ 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य
इस वीर भारत संग्रहालय को बनाने का विचार मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किया गया था, जिसके बाद उज्जैन के विधायकों और मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार इसे सिंहस्थ 2028 तक पूरा किया जाना है. 136 साल पुराने कोठी महल में इस संग्रहालय को तैयार करने का काम उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड को दिया गया है. वहीं संग्रहालय के लिए जरूरी रिसर्च, डिजाइन व अन्य कार्य वीर भारत न्यास संस्कृति विभाग करेगा.
जान सकेंगे 30 हजार साल पुराना इतिहास
उज्जैन के कोठी पैलेस स्थित वीर भारत संग्रहालय में देश-विदेश से आने वाले पर्यटक संग्रहालय में पूर्व वैदिक, वैदिक, उत्तर वैदिक, रामायण-महाभारत काल, विक्रमादित्य युग, मध्य युग व भारत भूमि पर जन्में तेजस्वी नायकों, दार्शनिकों, ऋषियों, संतों, मनीषियों, चिंतकों, कवियों, लेखकों, कलाकारों व वैज्ञानिकों का पूरा इतिहास एक छत के नीचे देख सकेंगे. धार्मिक दृष्टि से यहां सृष्टि रचित ब्रह्मा से लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और उनके वंशजों तक की पूरी जानकारियां उपलब्ध होंगी.