शिवरात्रि के दूसरे दिन भी दूल्हे के रूप में दर्शन दे रहे महाकाल, साल में एक बार होने वाली भस्म आरती आज
Mahakal dulha shringar : सुबह 11:00 बजे बाबा महाकाल का सेहरा उतरने के बाद 12 बजे साल में एक बार होने वाली भस्म आरती होगी. यह एकमात्र भस्म आरती होती है जो दिन के वक्त की जाती है.
दूसरे दिन भी दूल्हे के रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे महाकाल
उज्जैन. 8 मार्च को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया. वहीं पर्व के दूसरे दिन भी बाबा महाकाल सुबह 11 बजे तक दूल्हे के रूप में ही दर्शन देंगे. मध्यरात्रि 2:30 बजे से भगवान महाकाल (Mahakal) का पूजन अभिषेक करने के बाद कुंटलो फूलों से सेहरा बांधा गया. इसके बाद भगवान महाकाल को चांदी के आभूषण धारण कराए गए. भगवान महाकाल अपने भक्तों को दूल्हे के रूप में आज भी दर्शन दे रहे हैं.
साल में एक बार होने वाली भस्म आरती आज
सुबह 11:00 बजे बाबा महाकाल का सेहरा उतरने के बाद 12 बजे साल में एक बार होने वाली भस्म आरती (Bhasm aarti) होगी. यह एकमात्र भस्म आरती होती है जो दिन के वक्त की जाती है. जबकि साल के बाकी दिनों में अल सुबह की जाती है. इसके बाद दिनभर दर्शन के बाद रात 10:30 बजे शयन आरती के साथ मंदिर के पट बंद होंगे और शिवरात्रि पर्व का समापन होगा. गौरतलब है कि महाशिवरात्रि पर्व पर देर शाम तक 7 लाख 35 हजार श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया.
महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल की महापूजा के पहले कोटितीर्थ कुंड पर कोटेश्वर महादेव का पूजन, पंचामृत पूजन, सप्तधान्य अर्पण, सेहरा श्रृंगार आरती की हुई. इसके बाद रात्रि 10:30 बजे से भगवान श्री महाकालेश्वर का महा अभिषेक प्रारंभ हुआ, जिसमें महाकाल मंदिर के पुजारियों ने दूध 101 किलो, दही 31 किलो खाण्डसारी (शक्कर) 21 किलो, शहद 21 किलो, घी 15 किलो, पांच प्रकार के फलों का रस 2-2 किलो, गन्ने का रस 11 किलो, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि सामग्री के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया. फिर सप्तधान अर्पण चढ़ाया गया जिसमें 31 किलो चावल, 11 किलो मूंग खडा, 11 किलो तिल, 11 किलो मसूर खडा,11 किलो जौं, 11 किलो गेंहू , 11 किलो साल और 11 किलो खडा उड़द शामिल है. इसके बाद कुंटलों फूलों से भगवान महाकाल को सेहरा बांध कर दूल्हा बनाया गया.