भागलपुर:बिहार का भागलपुरट्रिपल आईटी किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आया है. किसानों को अब फसलों में रोग लगने या कीटों के हमले के बाद बचाव के लिए कृषि केंद्र या सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. फसल की फोटो खींचिए और अपलोड कर दीजिए. उसके बाद सॉफ्टवेयर किसानों को बीमारी से लेकर इलाज तक का डिटेल देगी.
ड्रोन करेगा फसलों का इलाज:ऐप पर मौजूद डाटा बेस से पता लग जाएगा कि फसल को किस तरह की बीमारी है, किस स्तर पर है, किस किस्म का कीड़ा लगा है और इनके उपाय क्या हैं. ट्रिपल आईटी लगातार नई-नई चीजों को डेवलप करता है. ऐसे में यहां की प्रोफेसर डॉक्टर तेजस्विनी के द्वारा सॉफ्टवेयर बनाया गया है.
ऐसे काम करेगा ऐप: इस सॉफ्टवेयर की मदद से फसल के रोग का पता लग जाएगा. जिससे किसान आसानी से खेतों में लगने वाले रोग का निदान कर पाएंगे. इस ऐप की खासियत है कि जब भी कोई किसान अपने खेतों में लगे फसल की ड्रोन से तस्वीर लेकर ऐप पर अपलोड करेगा तो वह इसे अपने डाटा बेस में स्टोर कर लेगा. इस तरह डाटा बेस लगातार अपडेट होता रहेगा.
ड्रोन बीमार पत्तों की खींचेगा फोटो:इसको लेकर इस सॉफ्टवेयर को बनाने वाली डॉ तेजस्वनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आईआईटी हैदराबाद व आईसीआर मक्का रिसर्च की मदद से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. यह किसानों के लिए फायदेमंद है. दरअसल इस सॉफ्टवेयर से ड्रोन की मदद से खेतों में लगने वाले कीट का पता लगा पाएगा.
"ड्रोन में सॉफ्टवेयर की मदद से मक्के के पत्ते का इमेज लिया जाएगा. जिस भी पत्ते में मेडिसलिफ़ बीमारी होगी, उसका पता लग जाएगा. दरअसल इस बीमारी का पहचान है पत्ते पर पीली धब्बे नजर आने लगते हैं. इससे मक्का की पैदावार कम हो जाती है. ये उन क्षेत्रों के लिए फायदेमंद होगी, जहां मक्के की खेती बड़े पैमाने पर होती है."-डॉक्टर तेजस्विनी,प्रोफेसर, ट्रिपल आईटी भागलपुर
बेगूसराय में किया गया रिसर्च:वहीं उन्होंने बताया कि बेगूसराय में मक्के की खेत मे इसका रिसर्च किया गया, जहां पर बीमारी देखने को मिली. दरअसल जिस पत्ते में बीमारी रहती है, उसकी तस्वीर ड्रोन कैच कर लेता है. जिसके बाद किसान उसका आसानी से उपचार कर पाएंगे. ऐसे में बड़े पैमाने पर मक्के की खेती में यह सॉफ्टवेयर काफी मददगार साबित होगा.