कोरबा:केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देश व्यापी हड़ताल का जिले की खदानों में व्यापक असर देखने को मिल रहा है. यूनियन नेताओं ने खदानों के बाहर अपनी आवाज बुलंद की. पहली शिफ्ट में बड़ी संख्या में कोयला कर्मी ड्यूटी पर नहीं गए. एसईसीएल के गेवरा, दीपका, कुसमुंडा और कोरबा एरिया में हड़ताल का असर दिखा. संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर मानिकपुर में कार्यरत ठेकेदारी और डिपार्टमेंटल कामगारों ने समर्थन देते हुए एकदिवसीय सांकेतिक हड़ताल में अपनी आवाज़ बुलंद की है.
मजदूर कर रहे संकट का सामना:श्रमिक यूनियन के नेताओं का कहना है कि केंद्रीय श्रम संगठनों ने दिल्ली मे संयुक्त कन्वेंशन कर औद्योगिक हड़ताल का ऐलान किया था. मजदूरों ने केंद्र सरकार की श्रम कानून को मजदूर विरोधी बताया है. उन्होंने देश के मेहनतकश कामगारों के अधिकारों को छीनने का आरोप लगाया है. साथ ही इस कानून के जरिए कुछ चुनिंदा उद्योग मालिकों को फायदा पहुंचाने और श्रम कानून को कमजोर करने का आरोप मजदूर संगठन ने लगाए हैं.