पलामू: बिहार का रहने वाला एक माओवादी कमांडर झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. यह नक्सली झारखंड-बिहार के सीमावर्ती इलाकों में माओवादियों को खड़ा करने में लगा हुआ है. पलामू के हैदरनगर थाना क्षेत्र में आगजनी की घटना के बाद शीर्ष माओवादी नितेश यादव उर्फ इरफान का नाम एक बार फिर चर्चा में है. झारखंड सरकार ने नितेश यादव पर 15 लाख रुपये का इनाम रखा है.
नितेश यादव उर्फ इरफान बिहार के गया के डुमरिया थाना क्षेत्र के तरवाडीह गांव का रहने वाला है. वह बिहार के गया औरंगाबाद और झारखंड के पलामू और नितेश के इलाके में सक्रिय है. पिछले कुछ सालों से पलामू में लगातार हुई हिंसक घटनाओं को अंजाम देने में नितेश यादव की मुख्य भुमिका रही है. वह काफी शातिर माना जाता है.
पुलिस के मुताबिक, 15 लाख रुपये का इनामी माओवादी कमांडर नितेश यादव अपने पास इजराइली हथियार एम 16 यानी एके-47 रखता है. वह माओवादी हथियारों और बारूदी सुरंगों का विशेषज्ञ है. उसने फिलहाल पलामू के हुसैनाबाद, छतरपुर, हैदरनगर और पांडू के सीमावर्ती इलाकों को अपना ठिकाना बना रखा है. एनआईए भी उसकी जांच कर रही है. झारखंड और बिहार पुलिस ने नितेश यादव की संपत्ति का आकलन कर उसे जब्त कर लिया था. उसके पास झारखंड और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में माओवादियों के सभी हथियारों और विस्फोटकों की जानकारी है.
100 से अधिक नक्सली हमलों का आरोप
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, नितेश यादव पर झारखंड और बिहार में 100 से अधिक नक्सली हमलों को अंजाम देने का आरोप है. नितेश यादव के खिलाफ झारखंड के पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा और बिहार के गया और औरंगाबाद इलाकों में एफआईआर दर्ज हैं. 2013 में नितेश यादव के नेतृत्व में माओवादियों ने पलामू के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के कौड़िया में टीएसपीसी के 15 सदस्यों की हत्या की थी.