पटना:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देने के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर 'परिवारवाद' के बहाने जोरदार हमला बोला. उन्होंने इस बात को लेकर भी निशाना साधा कि कैसे एक ही परिवार के तीन सदस्य एक साथ सांसद हैं. पीएम ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या कभी किसी एससी-एसटी परिवार के तीन सदस्य एक साथ सांसद बने हैं? हालांकि उन्होंने 'सियासी बंदूक' तो नेहरू-गांधी परिवार पर दागी थी लेकिन उसके फायरिंग रेंज में बिहार की पासवान फैमिली के 'सुपरस्टार मेंबर' चिराग पासवान भी आ गए हैं, जोकि मोदी कैबिनेट में फिलहाल मिनिस्टर हैं.
3 नहीं, बल्कि 4 सदस्य थे एक साथ सांसद:चिराग पासवान के परिवार के तीन-तीन सदस्य दो-दो बार एक साथ सांसद बने थे. 2019-20 में तो फैमिली के 4 मेंबर सांसद बने थे. ऐसा तब ही संभव हो पाया था, जब उनको खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का सहयोग मिला था. 2019 के लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान, पशुपति कुमार पारस और रामचंद्र पासवान एक साथ सांसद बने थे. कुछ ही महीने बाद रामविलास पासवान भी राज्यसभा के सदस्य चुन लिए गए थे.
जमुई से सांसद बने थे चिराग पासवान: 2019 के लोकसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान दूसरी बार जमुई (सुरक्षित)लोकसभा सीट से सांसद बने थे. इससे पहले 2014 में भी वह उसी सीट से चुनाव जीते थे.
हाजीपुर से सांसद बने थे पशुपति पारस:2019 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस भी हाजीपुर (सुरक्षित) सीट से सांसद बने थे. उससे पहले वह कई बार विधायक और विधान पार्षद रह चुके थे. बिहार सरकार में वह मंत्री भी रहे थे.
समस्तीपुर से सांसद बने थे रामचंद्र पासवान: चिराग पासवान के चाचा रामचंद्र पासवान भी 2019 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर (सुरक्षित) सीट से सांसद बने थे. वह भी 2014 में उसी सीट से चुनाव जीत चुके थे. हालांकि जुलाई 2019 में उनका निधन हो गया लेकिन उपचुनाव में उनकी जगह उनके बेटे प्रिंस राज समस्तीपुर लोकसभा सीट से सांसद बने. इस तरह 17वीं लोकसभा में एक ही परिवार के तीन सांसद बने थे. चिराग पासवान अनुसूचित जाति (एससी वर्ग) से आते हैं.
3 लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद बने: न केवल चिराग पासवान, रामचंद्र पासवान (बाद में प्रिंस राज) और पशुपति पारस, बल्कि खुद रामविलास पासवान भी राज्यसभा के सांसद बने थे. आम चुनाव के बाद बीजेपी के सहयोग से उनको राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था. मोदी मंत्रिमंडल में उनको उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का मंत्री भी बनाया गया था. 8 अक्टूबर 2020 (निधन) तक वह राज्यसभा के सासंद रहे.
2014 में भी परिवार से 3 सांसद बने थे:खास बात ये भी है कि उससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भी पासवान परिवार के तीन सदस्य सांसद बने थे. रामविलास पासवान ने हाजीपुर (सुरक्षित) सीट से जीत दर्ज की थी, जबकि चिराग पासवान ने जमुई (सुरक्षित) और रामचंद्र पासवान ने समस्तीपुर (सुरक्षित) सीट से जीत दर्ज की थी. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 और 2019 में पासवान परिवार के सदस्यों की जीत के लिए प्रचार किया था.