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रामलला तक ले जाएंगे ये चार पथ, आधुनिक अयोध्या के करिए दर्शन

प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामनगरी की काया पलट चुकी है. विकास के क्रम में अयोध्या के चार महत्वपूर्ण पथ है, जो आपकी यात्रा को भक्तिमय और सुगम बना देंगे.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 21, 2024, 10:05 PM IST

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अयोध्या में रामलला के दर्शन को सुगम बनाएंगे ये चार पथ.

अयोध्या : रामनगरी विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है. निर्माण कार्यों काफी तेजी से हो रहे हैं. मंदिरों की सूरत बदल चुकी है. सड़कें चमक रही हैं. जहां कभी एक लेन की सड़क थी अब वहीं दो लेन की सड़कों पर गाड़ियां फर्राटा भर रही हैं. इस विकास के पथ में कुछ पथ और जुड़े हैं. ये चार पथ ऐसे पथ हैं, जो अयोध्या के बारे में हमें बता रहे हैं. शहर के अलग-अलग छोर की ओर जा रहे इन रास्तों का नाम राम पथ, श्रीरामजन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और धर्मपथ है. इन पथों का अपना-अपना अलग रूप है. अयोध्या आने पर आपको साइन बोर्ड पर इन पथों के नाम लिखे मिल जाएंगे. आइए जानते हैं क्या हैं ये पथ.

अयोध्या में रामलला के दर्शन को सुगम बनाएंगे ये चार पथ.

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. रामलला के अपने मंदिर में विराजने के बाद सबसे बड़ा प्रभाव अयोध्या के पर्यटन पर पड़ने वाला है. अयोध्या में रामभक्तों की संख्या तेजी से बढ़ने वाली है. ऐसे में अयोध्या को खूबसूरत बनाने का काम सरकार कर रही है. सरकार के प्रयासों से अयोध्या की सूरत बदल गई है. अयोध्या के सभी प्रमुख मार्गों का विकास किया जा रहा है. इन्हीं रास्तों का नामकरण कर चार पथों का नाम दिया गया है. इन पथों से होकर अयोध्या आने वाले लोग अलग-अलग ओर से आएंगे. सबके नाम का भी अलग महत्व है.

प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामनगरी सज गई है.

राम पथ
अयोध्या में रामपथ की लंबाई सबसे अधिक है. करीब 12.940 किलोमीटर लंबी इस सड़क को फोर लेन बनाया गया है. इस पथ के दोनों छोर पर निर्माण और विकास कार्य काफी तेजी से हुए हैं. सड़कों का विस्तारीकरण हो जाने से अच्छा स्पेस दिखाई दे रहा है. रामपथ अयोध्या के मुख्य बाजारों से होता हुआ राम की पैड़ी तक जाता है. इस पथ पर दोनों तरफ आपको नवनिर्माण दिखाई पड़ जाएगा. सोलर लाइटों से सजी सड़क रात के समय में काफी खूबसूरत दिखाई पड़ती है. अयोध्या बस अड्डा से होती हुई यह सड़क अयोध्या हनुमान गढ़ी तक आती है.

श्रीरामजन्मभूमि पथ
अयोध्या में दूसरा पथ है श्रीरामजन्मभूमि पथ. इस पथ की लंबाई लगभग 0.566 किलोमीटर है. यह पथ सुग्रीव किला से होते हुआ रामजन्मभूमि मंदिर तक जाता है. इस रास्ते में लगभग 15 मीटर चौड़ाई का पैदल पथ भी तैयार किया गया है. स्टोन बेंच, सुंदर स्ट्रीट पोल और लाइट से यह पथ बेहद शानदार लग रहा है. रामभक्त इस पथ से होते हुए राममंदिर निर्माण को निहारने के लिए जा रहे हैं. भगवामय हुई अयोध्या के साथ ही श्रीरामजन्मभूमि पथ भी भगवामय हो चुका है.

भक्ति पथ
अयोध्या में पहुंचने के बाद हनुमानगढ़ी और कनक भवन की ओर जाने के वाले रास्ते का नाम भक्ति पथ है. अयोध्या के विकास के साथ ही सरकार की तरफ से यह भी प्रयास दिखाई दे रहे हैं कि हर एक चीज जाकर भगवान राम से जुड़ती हो. भक्ति पथ भगवान राम के अनन्य भक्त भगवान हनुमान से मिलाने वाले रास्ते का नाम है. मान्यता है कि हनुमानगढ़ी में रहते हुए कलियुग में अयोध्या की रक्षा और रामलला के राज्य की देखरेख यहां के राजा हनुमान जी करते रहे हैं. भक्ति पर पर दोनों ओर लगी दुकानें और दुकानों की आकर्षक डिजाइन मन मोह लेती हैं. यह पथ पहले एक गली हुआ करती थी.

धर्म पथ
अयोध्या में लता मंगेशकर चौक के पास धर्मपथ है. इस पथ पर ही सूर्य स्तंभ का निर्माण कराया गया है. इसके साथ ही लगभग 9 मीटर लंबी और 4 मीटर ऊंची दीवारों पर रामकथा का चित्रण किया गया है. भगवान हनुमान को लंका में कैदी बनाना, राम से हनुमान के गले मिलने जैसे चित्रों को इन दीवारों पर खूबसूरती से उकेरा गया है. लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएतच-27) पर पेट्रोल पंप के पास से लता मंगेशकर चौक तक के मार्ग को धर्म पथ का नाम दिया गया है. इस रास्ते पर लगे सूर्य स्तंभ इसकी शोभा बढ़ाने का काम कर रहे हैं.

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