तेहरान: संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने कहा है कि याह्या सिनवार की मौत की परिस्थितियों से 'प्रतिरोध की भावना' मजबूत होगी. ईरान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सिनवार जाहिर तौर पर राफा में इजरायली सेना से लड़ते हुए मारा गया है, न कि बंकर में छिपकर, जैसा कि इजरायल लगातार बता रहा है. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने एक्स पर पोस्ट किया कि जब अमेरिकी सेना ने एक अव्यवस्थित सद्दाम हुसैन को भूमिगत गड्ढे से बाहर निकाला, तो उसने हथियारबंद होने के बावजूद उनसे उसे न मारने की भीख मांगी. जो लोग सद्दाम को अपने प्रतिरोध का मॉडल मानते थे, वे अंततः टूट गए.
जब मुसलमान शहीद सिनवार को युद्ध के मैदान में खड़े हुए देखते हैं, युद्ध की पोशाक में और खुले में, किसी छिपने की जगह पर नहीं, दुश्मन का सामना करते हुए - प्रतिरोध की भावना मजबूत होगी. वह उन युवाओं और बच्चों के लिए एक आदर्श बन जाएगा जो फिलिस्तीन की मुक्ति की दिशा में उनके मार्ग को आगे बढ़ाएंगे. जब तक कब्जा और आक्रमण मौजूद है, प्रतिरोध कायम रहेगा, क्योंकि शहीद जीवित है और प्रेरणा का स्रोत है.
When U.S. forces dragged a disheveled Saddam Hussein out of an underground hole, he begged them not to kill him despite being armed. Those who regarded Saddam as their model of resistance eventually collapsed. However, when Muslims look up to Martyr Sinwar standing on the… pic.twitter.com/S1QUN47y83
— I.R.IRAN Mission to UN, NY (@Iran_UN) October 17, 2024
दूसरी ओर, लेबनान के हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह ने शुक्रवार को कहा कि वह हमलावर इजरायली सैनिकों के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है. हमास ने अभी भी इजरायल की घोषणा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इजरायल के सहयोगी देशों की सरकारों से लेकर गाजा के थके हुए निवासियों तक, कई लोगों ने उम्मीद जताई कि सिनवार की मौत युद्ध के अंत का मार्ग प्रशस्त करेगी. लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हत्या की घोषणा करते हुए एक भाषण में कहा कि हमारा युद्ध अभी समाप्त नहीं हुआ है.
सात अक्टूबर, 2023 को हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने इजरायल की सुरक्षा बाड़ में छेद कर दिया और अंदर घुस आए, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादा नागरिक थे, और 250 अन्य का अपहरण कर लिया गया. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गाजा में इजरायल के हमले में 42,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. युद्ध ने गाजा के बड़े इलाकों को नष्ट कर दिया है. इसकी 2.3 मिलियन की आबादी में से लगभग 90% लोगों को विस्थापित कर दिया है.