वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अस्पताल में रेजीडेंट की हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ओपीडी के साथ ही वार्ड में भी मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. बीते दिन गुरुवार को अस्पताल के वार्डों में रेजीडेंट की संख्या न के बराबर थी. ऐसे में मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. वहीं, लैब में भी बहुत कम मरीज दिखे. काउंटर पर भी लगभग सन्नाटा पसरा रहा. आज इस मामले को लेकर डायरेक्टर ऑफिस में मीटिंग हो रही है.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अस्पताल में रेजीडेंट के हड़ताल से हालात खराब नजर आ रहे हैं. कोलकाता के अस्पताल में महिला डॉक्टर से साथ हुई दरिंदगी से आहत डॉक्टर्स सुरक्षा की मांग को लेकर बीएचयू में बुधवार से हड़ताल कर रहे हैं. आईएमएस बीएचयू के रेजीडेंट्स ने स्थानीय स्तर पर ड्यूटी के दौरान सुरक्षा की मांग आईएमएस प्रशासन के सामने रखी है. हड़ताल के तीसरे दिन परिसर में मरीजों को परेशान देखा जा सकता था.
काउंटर पर पसरा रहा सन्नाटा: सामान्य दिनों में कंसल्टेंट के राउंड के बाद रेजीडेंट मरीजों के इलाज में लगे रहते हैं. वे सभी बीते दिन नजर नहीं आए. हड़ताल के तीसरे दिन भी काउंटर पर सन्नाटा पसरा रहा. सीसीआई लैब में भी बहुत कम मरीज दिखाई दिए. वहीं, ओपीडी में सिर्फ कंसल्टेंट के बैठने के कारण मरीजों की भीड़ बाहर लगी रही. वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजन रेजीडेंट के आने का इंतजार करते रहे. परिजनों का कहना था, कि रेजीडेंट के न आने से इलाज समय पर नहीं मिल पा रहा है.
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तीसरे दिन हो सके महज 47 ऑपरेशन: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अस्पताल में सामान्य दिनों में 100 ऑपरेशन होते रहे हैं. अब हड़ताल का असर ऑपरेशन पर भी दिखाई दे रहा है. हड़ताल के तीसरे दिन केवल 47 ऑपरेशन ही हुए हैं. ऐसे में अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ- साथ उनके परिजनों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कुछ मरीज ऐसे हैं, जिन्हें डेट मिली थी. लेकिन, अभी ऑपरेशन के लिए कुछ भी कह पाना मुश्किल लग रहा है.
डायरेक्टर ऑफिस में चल रही बैठक: वहीं, अस्पताल से लगातार सैंकड़ों की संख्या में मरीज वापस जा रहे हैं. ऐसे में मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए और रेजीटेंड की मांगों पर चर्चा करने के लिए आईएमएस डायरेक्टर के ऑफिस में बैठक चल रही है. रेजीडेंट आईएमएस निदेशक के कार्यालय के बाहर ही प्रदर्शन कर रहे थे. माना जा रहा है, कि इस बैठक के बाद ही कुछ पता चल सकेगा कि आगे क्या निर्णय लिए जाएंगे.
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