लखनऊ : अब कृषि विज्ञान की परीक्षा कक्षाओं में कराने की जगह सीधे खेतों में कराई जाएगी. संगीत की लिखित परीक्षा की जगह अब वाद्य यंत्रों और सुर ताल से परीक्षा ली जाएगी. भूगर्भ विज्ञान की जानकारी भी छात्रों से चट्टानों की पहचान कराकर कराई जाएगी. इसी प्रकार छात्रों को अपने विषयों पर रील्स, वीडियो और मीम्स बनाने की छूट दी जाएगी. यह अभिनव प्रयोग नई शिक्षा नीति के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय अपने मिड टर्म परीक्षा में करने जा रहा है. छात्रों को पठन-पाठन से और भी अधिक रोचक तरीके से जोड़ने के लिए विश्वविद्यालय ने नया प्रयोग शुरू किया है. बता दें कि विश्वविद्यालय में नवंबर के दूसरे सप्ताह से मिड टर्म परीक्षा शुरू होनी है.
लखनऊ विश्वविद्यालय में अब मिड टर्म परीक्षा में विद्यार्थी वीडियो और मीम्स बनाएंगे. विश्वविद्यालय प्रशासन ने नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों की पढ़ाई को और अधिक रोचक बनाने के लिए एडमिट टर्म परीक्षा में नई व्यवस्था को शुरू की है. इसके तहत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों को अब अधीन क्रॉसवर्ड, पजल, वीडियो जैसे तकनीक का प्रयोग बच्चों के परीक्षा में प्रयोग करने की छूट दी है. विषय के पाठ्यक्रम के अनुसार, मिड टर्म एग्जाम के लिए मूल्यांकन के तरीकों में बदलाव किया गया है. विश्वविद्यालय ने सभी विभागों को यह छूट दी है कि वह मिड टर्म एग्जाम में नए तरीकों का प्रयोग कर बच्चों से असाइनमेंट बनवाएं. उनका मूल्यांकन करके उन्हें आंतरिक परीक्षा में नंबर दें.
देश का पहला विश्वविद्यालय लविवि : नई शिक्षा नीति को लागू करने के मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय को प्रदेश ही नहीं, देश का पहला विश्वविद्यालय माना जाता है. आंतरिक परीक्षा के मूल्यांकन को लेकर नया प्रयोग भी विश्वविद्यालय में पहली बार किया जा रहा है. इसमें सभी विभाग के शिक्षकों को पूरी छूट दी गई है कि वह मौलिक तरीकों का प्रयोग कर छात्रों की प्रतिभा और परिश्रम का मूल्यांकन करेंगे.
इन तरीकों का होगा प्रयोग : आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेसमेंट) में समूह चर्चा (जीडी), फील्ड रिपोर्ट, मानसिक योग्यता परीक्षण, प्रजेंटेशन के साथ रील्स और मीम्स और वीडियो बनाने की भी छूट होगी. स्नातक पाठयक्रमों में आंतरिक मूल्यांकन कुल 25 नंबर का होता है, जिसमें पांच नंबर उपस्थिति के और 20 नंबर मूल्यांकन के होते हैं. इसी प्रकार परास्नातक में 30 नंबर का होता है, जिसमें 5 उपस्थिति के और 25 नंबर आंतरिक मूल्यांकन के होते हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर गीतांजली मिश्रा का कहना है कि शिक्षकों को इसके लिए पूरी छूट दी गई है, हांलाकि लिखित परीक्षा का विकल्प भी रखा गया है और छात्रों को उनकी पसंद के हिसाब से विकल्प दिया जाएगा. नई चीजों को सीखने में छात्रों को वक्त दिया जाना चाहिए. हमारा उद्देश्य है कि नए प्रयोगों से छात्र अधिक से अधिक सीखें और उनका विकास हों.
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