शिवहर: धन चोरी या खत्म हो सकता है, लेकिन विद्या का क्षय कभी नहीं होता है. इसे आप से कोई नहीं छीन सकता है और इसे जितना बांटा जाए उतना ही यह बढ़ता है. शिवहर के सेवानिवृतशिक्षकनागेंद्र साह का कुछ ऐसा ही मानना है. उनका कहना है कि 35 साल तक बच्चों को पढ़ाने के लिए सैलरी मिली, लेकिन वो खुशी नहीं मिली जो पिछले 19 साल से निशुल्क पढ़ाने पर मिल रही है.
विद्यादान कर रहे रिटायर शिक्षक नागेंद्र साह: सेवानिवृत होने के बाग अधिकांश लोग अपने परिवार के साथ समय गुजारना पसंद करते है,लेकिन शिवहर जिला के महुअरिया गांव निवासी नागेंद्र साह सेवानिवृत होने के बाद भी लगातार 19 वर्षों से नवाब हाई स्कूल में निरंतर व निशुल्क पढ़ा रहे हैं. समान्य स्थिति में उम्र के अंतिम पड़ाव में हर व्यक्ति घर की जवाबदेही से मुक्त होकर आराम की जिन्दगी व्यतीत करना चाहता है, लेकिन सेवानिवृत होने के बाद भी नागेंद्र साह में शिक्षा दान करने का जज्बा बरकरार है
"मुझे शिक्षादान से काफी सुकून मिलता है. परिवार से भी मुझे काफी सहयोग मिलता रहा है. मेरे कई छात्र आज विभिन्न सरकारी सेवाओं से जुड़कर जिले का नाम रौशन कर रहे हैं. मैं अंतिम सांस तक शिक्षादान करना चाहता हूं. जब मैं सेवानिवृत्त हो रहा था तो स्कूल के बच्चे काफी निराश और दुखी थे."-नागेंद्र साह, सेवानिवृत शिक्षक
'इस कारण लिया निरंतर पढ़ाने का फैसला': रिटायरमेंट के दिन को याद कर साह कहते हैं कि स्कूल के विद्यार्थी मुझे काफी परेशान दिखे. उन्होंने मुझसे पूछा कि सर, अब हमें कौन पढ़ाएगा. उस दिन बच्चों को उदास देखकर मैंने निश्चय किया कि जब तक जीवित हूं, बच्चों को निशुल्क शिक्षा दान करता रहूंगा.
नागेंद्र सर के मुरीद है विद्यार्थी: वहीं छात्र-छात्राएं भी अपने नागेंद्र सर की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं. सभी का कहना है कि सर जो पढ़ाते हैं वो आसानी से समझ में आ जाता है. सर पैदल ही स्कूल आते हैं. ऐसा कभी नहीं होता जब वो स्कूल में पढ़ाने ना आएं. इस उम्र में भी पढ़ाने का ऐसा जज्बा बहुत कम ही देखने को मिलता है.
"सर राजनीति शास्त्र पढ़ाते हैं. वह बहुत अच्छा पढ़ाते हैं. जो भी समझते हैं समझ में आ जाता है. कठिन विषय को ऐसे बढ़ाते हैं कि वह समझ में आ जाता है. व्यवहार भी सर का बहुत अच्छा है. बच्चे हल्ला करते हैं तो सर डांटते भी हैं."- पुष्पा, नौवीं कक्षा की छात्रा
"बहुत अच्छा पढ़ाते हैं. जो भी पढ़ाते हैं वह हमें अच्छे से समझ में आता है."- आशीष, छात्र
"नागेंद्र सर 19 वर्षों से हमें शिक्षा दे रहें है. सेवानिवृत होने के बाद भी हर रोज वह पैदल चलकर के आते हैं. सर विषयों की शुरुआत पहले इंट्रोडक्शन से करते हैं और कठिन चीजों को सरल तरीके से समझा देते हैं."- कुणाल, छात्र
कौन हैं शिक्षक नागेंद्र साह:नागेंद्र साह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि 35 वर्षों तक वेतन लेकर पढ़ाने से कही ज्यादा आनंद 19 वर्षों से निशुल्क पढ़ाने में मिल रहा है. नागेंद्र साह का जन्म 26 अगस्त 1945 को शिवहर प्रखंड के हरनाही पंचायत स्थित महुअरिया गांव में हुआ. उनके पिता जी का नाम स्व0 भोला साह और माता का नाम समुन्दरी देवी है. उनका विवाह साल 1966 में पिपराही प्रखंड के नारायणपुर गांव में ठाकुर महतो की पुत्री मति लालवती देवी से हुआ.