नई दिल्ली: लोटस 300 परियोजना में घर ले चुके खरीदारों के लिए खुशखबरी है. सुप्रीम कोर्ट ने सेक्टर 107 के लोटस 300 परियोजना के टावर-1 और टॉवर-2 में घर खरीदने वालों के फ्लैट्स की तुरंत रजिस्ट्री करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण से कहा है कि जिन फ्लैट मालिकों को ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट पहले ही जारी हो चुके हैं, उनके फ्लैट्स की रजिस्ट्रियां शुरू की जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने बिना बकाया राशि की मंजूरी का इंतजार किए रजिस्ट्रियां पूरी करने का निर्देश दिया है.
जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने रजिस्ट्री में नोएडा प्राधिकरण की लेटलतीफी पर सख्त रुख अपनाया है. टावर एक और दो के अलावा टावर 3, 4, 5 और 6 के फ्लैट खरीदारों को भी बेंच ने राहत दी है. नोएडा प्राधिकरण से कहा है कि फ्लैट खरीदारों से कॉर्डिनेट करने के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त करें, जो अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित कर शेष टॉवर्स 3 से 6 के लिए ऑक्यूपेशन सर्टिफेकिट प्राप्त करने की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करें.
नोएडा प्राधिकरण द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. इसी दौरान 330 फ्लैट्स की रजिस्ट्रियां पूरी करने का निर्देश दिया गया. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ने बिना बकाया राशि की मंजूरी का इंतजार किए रजिस्ट्रियां पूरी करने का निर्देश दिया है. अब ऐसा लगता है कि घर खरीदार अपने फ्लैट्स की रजिस्ट्रियां करवा सकेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार भी लगाई
फ्लैट खरीदारों की परेशानियों पर चिंता जताते हुए बेंच ने उनके एसोसिएशन से तरह-तरह के दस्तावेज मांगने पर भी नोएडा प्राधिकरण को फटकार भी लगाई. बेंच ने साफतौर पर कहा कि कागजों की जिम्मेदारी बिल्डर की है, खरीदारों की नहीं. बिल्डर नहीं है, तो इसके लिए खरीदारों को परेशान नहीं किया जा सकता. प्राधिकरण को खरीदारों को अनावश्यक कागजी कार्रवाई में उलझाने की बजाय उन्हें सुविधा देनी चाहिए, खासकर तब जब बिल्डर ने अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लिया है.