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तमिलनाडु विधानसभा में राष्ट्रगान के अपमान का आरोप, सदन से चले गए राज्यपाल, नहीं हुआ अभिभाषण - TAMIL NADU ASSEMBLY SESSION

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने विधानसभा में संविधान और राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगाते हुए अभिभाषण के बिना ही सदन से चले गए.

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तमिलनाडु विधानसभा में राष्ट्रगान के अपमान का आरोप, सदन से चले गए राज्यपाल, नहीं हुआ अभिभाषण (X/ @rajbhavan_tn / ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 6, 2025, 9:41 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा का साल 2025 का पहला सत्र सोमवार से शुरू हुआ. सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होने की उम्मीद थी, लेकिन राज्यपाल आरएन रवि ने सदन में राष्ट्रगान न बजने का आरोप लगाते हुए अभिभाषण पढ़े बिना ही सदन छोड़ दिया.

डीएमके और तमिलगा वेत्री कजगम (टीवीके) समेत कई पार्टियों ने राज्यपाल के परंपरा का पालन न करने की कड़ी निंदा की है. तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके ने घोषणा की है कि राज्यपाल की विधानसभा में की गई कार्रवाई की निंदा करने के लिए मंगलवार 7 जनवरी को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

टीवीके पार्टी के नेता विजय ने जोर देकर कहा है कि राज्यपाल कोई भी हो, उन्हें विधानसभा की परंपरा का पालन करना चाहिए.

वहीं, चेन्नई स्थित राजभवन ने बेबाकी से टिप्पणी की है कि तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार की घटना देश के आपातकाल की याद दिलाती है. इस संबंध में राजभवन के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा है, 'आज तमिलनाडु विधानसभा की कार्यवाही पर पूरी तरह से सेंसरशिप देश को आपातकाल के दिनों की याद दिलाती है. लोगों को, खास तौर पर तमिलनाडु के भाई-बहनों को सदन की वास्तविक कार्यवाही और उनके प्रतिनिधियों के आचरण से वंचित रखा गया और इसके बजाय उन्हें राज्य सरकार के झूठे संस्करण ही दिखाए गए."

पोस्ट में आगे कहा गया, "राष्ट्रगान के संबंध में संविधान में निहित मौलिक कर्तव्य की अवहेलना करके न केवल संविधान का अपमान किया गया, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता के संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार का भी बेशर्मी से गला घोंटा गया. यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है."

यह भी पढ़ें- गेम चेंजर इवेंट से लौट रहे दो युवकों की मौत, पवन कल्याण और राम चरण ने आर्थिक मदद की घोषणा की

चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा का साल 2025 का पहला सत्र सोमवार से शुरू हुआ. सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होने की उम्मीद थी, लेकिन राज्यपाल आरएन रवि ने सदन में राष्ट्रगान न बजने का आरोप लगाते हुए अभिभाषण पढ़े बिना ही सदन छोड़ दिया.

डीएमके और तमिलगा वेत्री कजगम (टीवीके) समेत कई पार्टियों ने राज्यपाल के परंपरा का पालन न करने की कड़ी निंदा की है. तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके ने घोषणा की है कि राज्यपाल की विधानसभा में की गई कार्रवाई की निंदा करने के लिए मंगलवार 7 जनवरी को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

टीवीके पार्टी के नेता विजय ने जोर देकर कहा है कि राज्यपाल कोई भी हो, उन्हें विधानसभा की परंपरा का पालन करना चाहिए.

वहीं, चेन्नई स्थित राजभवन ने बेबाकी से टिप्पणी की है कि तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार की घटना देश के आपातकाल की याद दिलाती है. इस संबंध में राजभवन के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में लिखा है, 'आज तमिलनाडु विधानसभा की कार्यवाही पर पूरी तरह से सेंसरशिप देश को आपातकाल के दिनों की याद दिलाती है. लोगों को, खास तौर पर तमिलनाडु के भाई-बहनों को सदन की वास्तविक कार्यवाही और उनके प्रतिनिधियों के आचरण से वंचित रखा गया और इसके बजाय उन्हें राज्य सरकार के झूठे संस्करण ही दिखाए गए."

पोस्ट में आगे कहा गया, "राष्ट्रगान के संबंध में संविधान में निहित मौलिक कर्तव्य की अवहेलना करके न केवल संविधान का अपमान किया गया, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता के संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार का भी बेशर्मी से गला घोंटा गया. यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है."

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