पटना: देश के अधिकांश लोग बाल की समस्यासे परेशान हैं. अपने झड़ते हुए बालों को लेकर देश की बड़ी आबादी परेशान रहती है. बाल झड़ने की समस्या को लेकर लोग रोज डॉक्टर के चक्कर लगाते मिलेंगे. लेकिन किसी के लिए झाड़ा हुआ बाल वरदान साबित हो रहा है. कटिहार के गौरव के जीवन में झड़ा हुआ बाल सफलता का मूल मंत्र है.
मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ जन्म:कटिहार जिला के हल्खा प्रखंड के पोठिया गांव का रहने वाला गौरव आज चर्चा का केंद्र बना हुआ है. गौरव का जन्म एक परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. गौरव के पिता जी गांव में ही रहकर दुकान चलाते थे. इसके अलावे वे खेती भी करते थे. गौरव 2 भाई और 3 बहन हैं. सभी भाई बहन में गौरव सबसे बड़ा है. इसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी विद्यालय में हुई.
बचपन से ही पढ़ने में मेधावी:गौरव की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही पोठिया स्थित सरकारी स्कूल से हुई. गांव के ही सरकारी हाई स्कूल से उसने 2008 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. 2010 में कटिहार के बी एस कॉलेज से उसने इंटर की परीक्षा पास की. आगे की पढ़ाई के लिए उसने दिल्ली जाने का फैसला किया. दिल्ली के रामजस कॉलेज में मैथमेटिक्स ऑनर्स में उसका दाखिला हुआ. दिल्ली के रामजस कॉलेज से उसने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
45 दिन की नौकरी: ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद 2017 में गौरव ने दिल्ली के ही एक होजरी कंपनी में अकाउंटेंट की नौकरी शुरू की. 16000 रु वेतन पर दिल्ली के बदरपुर में नौकरी करने लगा. लेकिन उसे उस काम में मन नहीं लग रहा था. कंपनी में 12 से 13 घंटा काम करवाया जा रहा था.
''अपने लिए वक्त नहीं बच रहा था. एक घंटा मेट्रो से जाना, फिर 12-13 घंटा काम करना फिर एक डेढ़ घंटा लग जाता था घर वापस आने में. यही कारण था कि 45 दिनों में ही फैसला कर लिया कि अब नौकरी नहीं करनी है. जितना मेहनत 16000 की नौकरी के लिए करना पड़ रहा है उतना मेहनत यदि अपने व्यापार के लिए करेंगे तो उससे ज्यादा हम कमा सकते हैं. यही सोच कर होजरी की फैक्ट्री की नौकरी छोड़ दी.''-गौरव, युवा उद्यमी
2017 में कटिहार वापस आया: ईटीवी भारत से बातचीत में गौरव ने बताया कि 2017 में वह दिल्ली से अपने घर कटिहार वापस आ गया. कुछ दिनों के बाद कुछ दोस्तों के साथ घूमने के लिए कोलकाता गया था. वहीं पर मुर्शिदाबाद के ब्रह्मपुर के बेलडंगा के रहने वाले यन्नवी शेख से उनकी मुलाकात हुई. जो वहां पर बालों का कारोबार करता था.
महिलाओं को देखा तो हैरान रह गया:गौरव ने बताया कि वहां जाकर उसने देखा कि बेलडंगा और मेदनीपुर इलाके की महिलाओं का मुख्य पेशा बाल का कारोबार ही है. वहां की महिला अपने घर पर रहकर टूटे बालों की सफाई का काम करती हैं. जिससे वहां की महिलाओं को अच्छी खासी आमदनी हो जाती है.
घर वालों से छुपा कर बालों का कारोबार:मुर्शिदाबाद से आने के बाद गौरव ने फैसला किया कि वह भी बिहार में रहकर बालों का कारोबार करेगा. बिहार आकर उसने यह पता किया कि उसे टूटे एवं झड़े हुए बाल कहां से मिलेंगे. उसने सैलन एवं ब्यूटी पार्लर के अलावा कचरा बिनने वाले लोगों से संपर्क किया. उसने ब्यूटी पार्लर एवं कचरा बिनने वालों से बाल खरीदने का फैसला किया.
''मुझे नहीं मालूम था कि बाल खरीदने के लिए कितने पैसे की जरूरत होगी. जब घर वालों को बाल के बिजनेस के बारे में बताया तो घर वाले तैयार नहीं हुए. परिवार वालों का कहना था कि यह बिजनेस किस तरीके का है. समाज के लोग भी हसेंगे कि आपका बेटा क्या कर रहा है. पिताजी ने कहा कि दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेज से मैथमेटिक्स से ग्रेजुएशन करवाने के बाद उन्होंने नहीं सोचा था कि उनका बेटा नौकरी के बदले यह टूटे-फूटे बाल का धंधा करेगा.''- गौरव, युवा उद्यमी
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लिया लोन:बातचीत में गौरव ने बताया कि व्यापार शुरू करने के लिए पूंजी नहीं थी. लेकिन मन में ठान लिया था कि व्यापार शुरू करना है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से 1लाख रुपया लोन लिया और नवंबर 2017 में बालों का व्यापार शुरू किया. पहले कटिहार जिले के ब्यूटी पार्लर एवं कचरा साफ करने वाले लोगों से बाल खरीद कर कोलकाता भेजा. इसके बाद उन्होंने कटिहार के बाहर से भी बाल खरीदना शुरू किया.
अयांश हेयर इंटरनेशनल की शुरुआत:गौरव ने बताया कि कटिहार से पहली बार जब कोलकाता माल भेजे थे तो उनके पार्टनर को यह पसंद आया. फिर उसने अयांश हेयर इंटरनेशनल नाम से कंपनी खोली. इसके बाद उन्होंने कटिहार के बाहर भी आदमी रखना शुरू किया. बिहार के 38 जिले में 70 आदमी फेरी वाले एवं ब्यूटी पार्लर से उनके लिए बाल कलेक्ट करते हैं. इन 70 लोगों को वह पूरी सुविधा देते हैं ताकि हिफाजत से उनके पास तक बाल पहुंच सके. गौरव ने बताया कि ब्यूटी पार्लर के बाल की कीमत कम होती है लेकिन आम लोगों के झड़े हुए बाल की कीमत अधिक होती है.
बेकार हुए बाल की कीमत:गौरव ने बताया कि 2017 में जब उसने बालों का कारोबार शुरू किया था उस समय फेरी वालों से 2500 रु किलो बाल खरीदता था. जबकि 1800 से 2000 रु किलो ब्यूटी पार्लर से माल खरीदता था. गौरव ने बताया कि जितना लंबा बाल होगा उसे बाल की कीमत इतनी अधिक होती है. यही कारण है कि झड़े हुए बाल की कीमत ब्यूटी पार्लर के बाल से अधिक होती है.