कुलपति सचिवालय से कुलपति आवास तक दंडवत प्रणाम करते हुए पहुंचे छात्र. जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के बदहाल हालातों को सुधारने और प्रो. ओम महला को डीन बनाए जाने के विरोध में एबीवीपी के छात्र मंगलवार को कुलपति सचिवालय से कुलपति आवास तक दंडवत प्रणाम करते हुए पहुंचे. उन्होंने प्रो. महला पर महिला उत्पीड़न और एसटी-एससी आयोग के तहत जातिगत दुर्व्यवहार के आरोप होने के चलते डीन पद के लिए अयोग्य बताते हुए कुलपति से छात्र हित में फैसला लेने की गुहार लगाई.
डीन बनाने का विरोध : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विभिन्न मांगों को लेकर मोर्चा खोला है, जिसमें सबसे प्रमुख लोक प्रशासन विभाग के विभागाध्यक्ष को डीन बनाए जाने का विरोध है. एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष रोहित मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रो. महला महिला विरोधी और छात्र विरोधी प्रोफेसर हैं, जिन्हें विभागाध्यक्ष पद से हटाने के बजाय अब डीन बना दिया गया है. उनके खिलाफ कई शिक्षकाओं ने अभद्र भाषा का प्रयोग करने और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत महिला आयोग में दर्ज कराई थी.
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रोहित मीणा ने कहा कि प्रो. महला पर एससी-एसटी आयोग भारत सरकार की ओर से जाति सूचक दुर्व्यवहार करने का भी आरोप रहा है, यही नहीं विश्वविद्यालय के 14 सहायक आचार्य उनके खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करा चुके हैं. ऐसे व्यक्ति को डीन बनाया जाना विश्वविद्यालय प्रशासन का गलत फैसला है. इस आदेश को कुलपति को तुरंत वापस लेना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालय की सड़कों के पुनर्निर्माण, विश्वविद्यालय परिसर में पानी की समस्या दूर करने, सुविधाजनक कैंटीन की व्यवस्था करने, नई लाइब्रेरी को डिजिटल करने, कैंपस को वाई-फाई युक्त करने प्लेसमेंट सेल को बढ़ावा देने, छात्रों की सुरक्षा और छात्रों से आवेदन से ली जा रही फीस पर रोक लगाने की भी मांग की.
धरने पर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ता : बीते 2 दिन से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता इन मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि कुलपति को सदबुद्धि देने के लिए वीसी सेक्रेटेरिएट से कुलपति आवास तक छात्र दंडवत प्रणाम करते हुए पहुंचे. इकाई मंत्री मनु दाधीच ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय में महिला उत्पीड़न, पेपर लीक, भ्रष्टाचार जैसे प्रकरणों से संबंध रखने वाले आरोपियों को कुलपति बर्खास्त नहीं करती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा.
आरोपों पर यह बोले महलाःवहीं इस संबंध में प्रो ओम महला ने कहा कि वो सीनियर मोस्ट थे इसलिए उन्हें डीन बनाया गया. डीन, प्रिंसिपल, एचओडी दूसरे टीचर्स के समर्थन से नहीं बल्कि पहले से निर्धारित नियमों के अनुसार बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि जहां तक उन पर लगाए जा रहे आरोपों का सवाल है तो वो निष्कलंक रहे हैं . जब सिंडिकेट के सदस्य थे तब नियमों के तहत हमेशा छात्रों की आवाज भी उठाई है, आज उन बच्चों को मिस लीड किया जा रहा है.