मेरठ:आमतौर पर देखते हैं, कि जब भी किसी सीजन में स्कूलों में अवकाश होते हैं, तो स्टूडेंट्स को अलग प्रकार के होमवर्क दिए जाते हैं. लेकिन, मेरठ में एक स्कूल ने इस गर्मी सीजन में स्टूडेंट्स को बेहद ही अलग तरह का होमवर्क दिया है. बारहवीं तक इस विद्यालय में जो काम बच्चों को सौंपा गया है, वह हर किसी के लिए उपयोगी भी है. आईए जानते हैं.
मेरठ के दौराला क्षेत्र में मल्हू सिंह आर्य कन्या इंटर कॉलेज में लगभग डेढ़ हजार बेटियां पढ़ाती हैं. यहां की स्कूल प्रिंसिपल ने गर्मी की छुट्टियों में उन्हें खास होमवर्क सौंपा है. अब इस स्कूल की बेटियां गर्मी की छुट्टियों के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा को पुख्ता करने का काम करेंगी. दरअसल, इस ग्रामीण अंचल के स्कूल में अध्ययनरत हजारों स्टूडेंट्स को अपने घर आंगन समेत घर के आसपास पौधा रोपण का काम दिया गया है. इसके अलावा और भी कई ऐसे कार्य उन्हें सौंप गये हैं, जिनसे हर किसी को आने वाले समय में लाभ मिलना तय है.
स्कूल की प्रिंसिपल नीरा तोमर ने दी जानकारी (etv bharat reporter) स्कूल की प्रिंसिपल नीरा तोमर का कहना है, कि छात्राओं के अंदर पर्यावरण जागरूकता लाने के लिए भारतीय संस्कृति में परिवार और समाज का महत्व क्या है यह उन्हें समझाना बेहद ही जरूरी है. इसकी जानकारी के लिए छात्राओं को इस प्रकार का होमवर्क दिया गया है. डॉ. नीरा तोमर कहती हैं, कि देखने में आ रहा है कि बच्चे एकाकी होते जा रहे हैं, साथ ही प्रकृति से दूर भी होते जा रहे हैं. इन्हीं सभी बातों का विचार करके सभी ने यह निर्णय लिया है, कि इस बार बच्चों को अलग तरह का होमवर्क देंगे. इस होमवर्क को पूरा करने के लिए, उन्हें वाकायदा नंबर भी दिए जाएंगे. इसे भी पढ़े-माता-पिता के मतदान करने पर स्कूल बच्चे को देगा अतिरिक्त 10 अंक - Voting In Lucknow
प्रिंसिपल डॉक्टर नीरा तोमर बताती हैं, कि सभी छात्राएं कोई फलदार या छायादार पौधा अपने घर के आंगन में, खेत में या आस-पास खुले स्थान पर 25 मई तक लगायेगी. इसके साथ ही जियो टैंगिग फोटो लेकर वह अपनी फाईल में चिपकाएगी. अपनी कक्षा के व्हाटसएप ग्रुप में भी वह फोटो भेंजेगी, साथ ही उस पौधे के औषधीय लाभ अपनी प्रोजेक्ट फाईल में लिखेंगी. इतना ही नहीं, उसी पौधे का एक फोटो 25 जून को भी व्हाटसएप ग्रुप में भेंजेगी.
छात्राएं अपने घर के बाहर डस्बीन रखेंगी और लोगों को गीला कूड़ा और सुखा कूड़ा अलग अलग करने के लिय प्रेरित करेंगी. उनको इको ब्रिक बनाना और जल संरक्षण करना सिखायेंगी. इसी प्रकार बेटियां अपने गांव में कितने कुएं हैं, कितने तालाब हैं उसके विषय में जानकारी प्राप्त कर उनके साथ जियो टैगिंग फोटो खिचकर अपनी प्रोजेक्ट फाईल में चिपकायेंगी और फोटो खींचकर अपने व्हाटस एप ग्रुप में भी भेंजेगी. इसी प्रकार गांव में लगे नीम, पीपल और बरगद के वृक्षों के साथ सेल्फी लेकर उसकी फोटो अपनी फाईल में चिपकायेंगी और फोटो खींचकर अपनी कक्षा के व्हाटसएप ग्रुप में भी भेंजेगी.फिलहाल, स्कूल के द्वारा इस खास तरह के होमवर्क की जिले में खूब चर्चाएं हो रही हैं.
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