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यूपी में शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर योगी सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका, हाईकोर्ट ने तलब की जानकारी - ALLAHABAD HIGH COURT ORDER

सरकारी वकील की दलील- वित्तीय बोझ को देखते हुए कमेटी की रिपोर्ट वित्त विभाग को भेजी गई है, कोर्ट ने 27 जनवरी तक जवाब मांगा

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 23 hours ago

Updated : 7 hours ago

प्रयागराज: प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 1.25 लाख शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी है. कोर्ट ने मानदेय बढ़ाने पर लिए गए निर्णय के बारे में 27 जनवरी तक जानकारी मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर दिया.

इसके पहले याची ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी. इस पर कोर्ट ने सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने के लिए सरकार को समिति गठित करने का आदेश दिया था. प्रदेश सरकार द्वारा समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार के कोई फैसला नहीं लेने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई. अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2023 में शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर याचिका दाखिल की थी.

कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था. अवमानना याचिका पर राज्य के वकील ने न्यायालय को बताया था कि आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी.

समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. वित्तीय बोझ को देखते हुए रिपोर्ट वित्त विभाग को भेजी गई है. कोर्ट ने वित्त विभाग और राज्य सरकार के ओर लिए गए निर्णय के संबंध में 27 जनवरी तक जानकारी मांगी है.

यूपी में शिक्षा मित्रों पर एक नजरः बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल शिक्षामित्र की संख्या 1 लाख 25 हज़ार है. मौजूदा समय में शिक्षामित्र को सरकार की ओर से 10,000 प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है. काफी लंबे अरसे से शिक्षामित्र इसे दोगुना करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा शिक्षामित्रों शिक्षकों के सामान वेतन देने की भी मांग उठा रहे हैं. इस मांग को लेकर ही हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है.

ये भी पढ़ें- UP रोडवेज से अब सुरक्षित सफर; इन दो खास डिवाइस से हादसों पर लगेगा विराम, जानिए इनके बारे में

प्रयागराज: प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 1.25 लाख शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी है. कोर्ट ने मानदेय बढ़ाने पर लिए गए निर्णय के बारे में 27 जनवरी तक जानकारी मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर दिया.

इसके पहले याची ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी. इस पर कोर्ट ने सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने के लिए सरकार को समिति गठित करने का आदेश दिया था. प्रदेश सरकार द्वारा समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार के कोई फैसला नहीं लेने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई. अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2023 में शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर याचिका दाखिल की थी.

कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था. अवमानना याचिका पर राज्य के वकील ने न्यायालय को बताया था कि आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी.

समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. वित्तीय बोझ को देखते हुए रिपोर्ट वित्त विभाग को भेजी गई है. कोर्ट ने वित्त विभाग और राज्य सरकार के ओर लिए गए निर्णय के संबंध में 27 जनवरी तक जानकारी मांगी है.

यूपी में शिक्षा मित्रों पर एक नजरः बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल शिक्षामित्र की संख्या 1 लाख 25 हज़ार है. मौजूदा समय में शिक्षामित्र को सरकार की ओर से 10,000 प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है. काफी लंबे अरसे से शिक्षामित्र इसे दोगुना करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा शिक्षामित्रों शिक्षकों के सामान वेतन देने की भी मांग उठा रहे हैं. इस मांग को लेकर ही हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है.

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Last Updated : 7 hours ago
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