लखनऊ: केजीएमयू के डॉक्टरों ने लिवर फेल मरीज की जान बचाने में कामयाबी हासिल की है. गंभीर अवस्था में मरीज को निजी अस्पताल से केजीएमयू रेफर किया गया था. यहां ट्रॉमा वेंटिलेटर यूनिट (टीवीयू) के डॉक्टरों ने इलाज कर मरीजों को नई जिंदगी दी है.
बता दें कि अमेठी निवासी 30 वर्षीय युवक की तबीयत अचानक बिगड़ गई. उसे सांस लेने में तकलीफ हुई. साथ ही पेट में सूजन आ गई. परिजन मरीज को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने जांच की. करीब डेढ़ माह मरीज को भर्ती रखा. तबीयत में सुधार न होने पर मरीज को केजीएमयू रेफर कर दिया गया. गंभीर अवस्था में परिजन मरीज को लेकर केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. मरीज को टीवीयू में भर्ती किया गया.
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जांच में पता चला कि मरीज का लिवर फेल हो गया है. अल्टर्ड सेंसोरियम (होशोहवास खो जाना), दिमागी सूजन, प्लेटलेट्स की कमी और शरीर में इन्फेक्शन फैल गया था. इसकी वजह से ब्लड प्रेशर कम हो गया था. आनन-फानन मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया.
ट्रॉमा वेंटिलेटर यूनिट के इंचार्ज डॉ. जिया अरशद ने बताया मरीज की हालत बहुत गंभीर थी. उसे आईसीयू-वेंटिलेटर पर भर्ती किया गया. उनकी स्थिति का गहनता से मूल्यांकन कर प्रभावी इलाज दिया गया. इलाज से मरीज की तबीयत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. मरीज अब वेंटिलेटर से बाहर है. मरीज की लिवर प्रोफाइल में सुधार हो रहा है.
उन्होंने बताया कि मरीज की तबीयत स्थिर है. जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी. आईसीयू के डॉ. रवि प्रकाश, डॉ. अभिषेक राजपूत, रेजिडेंट डॉ. अंकुर, डॉ. सृष्टि व डॉ. स्वाती ने मरीज की निगरानी और इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.