कुशीनगर: जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) कार्यालय में फर्जी हस्ताक्षर के जरिए शिक्षकों की पदोन्नति कराने का गंभीर मामला सामने आया है. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य फूलबदन कुशवाहा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य उच्चाधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. रामकोला के जनता इंटरमीडिएट कॉलेज के दो शिक्षकों की पदोन्नति की पत्रावली डीआईओएस के फर्जी हस्ताक्षर के साथ संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) गोरखपुर को भेजी गई है. मामला प्रकाश में आने पर जेडी गोरखपुर ने पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं.
जनता इंटरमीडिएट कॉलेज रामकोला की ओर से दो शिक्षकों की पदोन्नति की पत्रावली डीआईओएस कार्यालय से जेडी कार्यालय भेजी गई है. पत्रावली में सहायक अध्यापक राम अवध कुमार यादव को अंग्रेजी प्रवक्ता पद पर और मुकेश कुमार को इतिहास प्रवक्ता के पद पर पदोन्नति देने का उल्लेख है. हालांकि, जब जेडी गोरखपुर सतीश सिंह ने तत्कालीन डीआईओएस रवींद्र कुमार सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसी कोई पत्रावली भेजने से इनकार किया.
जेडी गोरखपुर ने 30 दिसंबर को ही डीआईओएस कुशीनगर को पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही फर्जी हस्ताक्षर से भेजी गई मूल पत्रावलियों को वापस करने का आदेश दिया. अबतक उसपर कुछ ठोस कार्यवाही न होते देख राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य फूलबदन कुशवाहा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य उच्चाधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने डीआईओएस कार्यालय में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की आशंका जताई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
डीआईओएस कार्यालय में शासनादेश के विपरीत लंबे समय तक एक लिपिक को अटैच कर कार्य लिया गया. इस मामले में भी जांच की जरूरत बताई जा रही है. तत्कालीन डीआईओएस रवींद्र कुमार सिंह के रिटायर होने के बाद नए डीआईओएस के कार्यभार ग्रहण करने की प्रतीक्षा की जा रही है. कार्यवाहक डीआईओएस डॉ. भूपेंद्र कुमार मिश्रा के मुताबिक जांच पूरी कर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
इधर, जेडी गोरखपुर सतीश सिंह ने बताया कि फर्जी हस्ताक्षर से पत्रावली भेजने का मामला गंभीर है. नए डीआईओएस के चार्ज लेने के बाद जांच को जल्द पूरा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.