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मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मिले सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के खुले कपाट, तीन खंडित शिवलिंग मिले, खरमास के बाद शुरू होगी पूजा - SIDDHESHWAR MAHADEV TEMPLE VARANASI

वाराणसी के मदनपुरा इलाके में मिले बंद शिव मंदिर को प्रशासन ने खोला, हिंदू संगठन लगातार पूजा शुरू करने की उठा रहे थे मांग

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मंदिर खुलने पर महिलाओं ने जताई खुशी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 8, 2025, 6:36 PM IST

वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के मुस्लिम बाहुल्य इलाके मदनपुरा में करीब तीन हफ्ते के बाद प्रशासन ने बुधवार को सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के कपाट को खोल दिए. दरअसल मंदिर मिलने के बाद से ही हिन्दू संगठनों की ओर से लगातार इसको खोलने की मांग की जा रही थी. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने दोपहर करीब 1 बजे अचानक से पुलिस फोर्स के साथ पहुंचकर मंदिर के दरवाजे को कटर से कटवाने के बाद खोल दिया है. हालांकि मंदिर की साफ सफाई के बाद फिर से बंद कर दिए गए. अब 14 जनवरी यानी खरमास खत्म होने के बाद मंदिर में शिवलिंग का पूजन शुरू किया जाएगा.

बता दें कि 15 दिसंबर के बाद वाराणसी के मदनपुर इलाके में शिव मंदिर मिलने की तस्वीर वायरल होने लगी थी. जिसके बाद इस मंदिर पर हिंदू संगठनों ने पहुंचकर पूजन पाठ शुरू करने की मांग की थी. सनातन रक्षक दल ने मंदिर को 150 साल से भी पुराना मंदिर बताया था और लगभग 40 सालों से इसे बंद होने और पूजा पाठ न होने की बात कह कर तत्काल पूजा शुरू करने की मांग की थी.

खुल गए सिद्धेश्वर महादेव के कपाट (Video Credit; ETV Bharat)

एडीएम सिटी आलोक कुमार का कहना है कि मंदिर की साफ सफाई की गई है, क्या चीज सामने आई हैं. वह बाद में पता चल पाएगा फिलहाल जांच की जा रही है. वहीं एडीसीपी टी सरवन का कहना है कि मंदिर जिला प्रशासन के सहयोग से खोला गया है. किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ है. दोनों पक्षों की सहमति के बाद यहां पर मंदिर खोला गया. सुरक्षा व्यवस्था के लिए यहां पर फोर्स की तैनाती की गई है.

वहीं सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा का कहना है कि हमारी जो मांग थी वह पूरी हो गई है लेकिन जो शिवलिंग मिले हैं वह खंडित हैं. फिर भी हम 14 जनवरी यानी खरमास खत्म होने के बाद यहां पर पूजन पाठ शुरू करेंगे. अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत यहां पर पहले पूजन करेंगे और उसके बाद ब्राह्मण सभा की तरफ से यहां पर पूजन पाठ करने के लिए दो ब्राह्मणों को नियुक्त किया जाएगा.

विश्व हिंदू परिषद विभाग मंत्री कन्हैया सिंह का कहना है कि हमने यहां पर जलाभिषेक की अनुमति मांगी थी, लेकिन नहीं मिली प्रशासन ने मंदिर खोल दिया. अब हम आगे की रणनीति बनाएंगे और यहां पर पूजन पाठ राग भोग इत्यादि शुरू किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : जानिए बनारस के जिस मुस्लिम इलाके में मिला मंदिर, उस इलाके का क्या है हिन्दू कनेक्शन?

वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के मुस्लिम बाहुल्य इलाके मदनपुरा में करीब तीन हफ्ते के बाद प्रशासन ने बुधवार को सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के कपाट को खोल दिए. दरअसल मंदिर मिलने के बाद से ही हिन्दू संगठनों की ओर से लगातार इसको खोलने की मांग की जा रही थी. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने दोपहर करीब 1 बजे अचानक से पुलिस फोर्स के साथ पहुंचकर मंदिर के दरवाजे को कटर से कटवाने के बाद खोल दिया है. हालांकि मंदिर की साफ सफाई के बाद फिर से बंद कर दिए गए. अब 14 जनवरी यानी खरमास खत्म होने के बाद मंदिर में शिवलिंग का पूजन शुरू किया जाएगा.

बता दें कि 15 दिसंबर के बाद वाराणसी के मदनपुर इलाके में शिव मंदिर मिलने की तस्वीर वायरल होने लगी थी. जिसके बाद इस मंदिर पर हिंदू संगठनों ने पहुंचकर पूजन पाठ शुरू करने की मांग की थी. सनातन रक्षक दल ने मंदिर को 150 साल से भी पुराना मंदिर बताया था और लगभग 40 सालों से इसे बंद होने और पूजा पाठ न होने की बात कह कर तत्काल पूजा शुरू करने की मांग की थी.

खुल गए सिद्धेश्वर महादेव के कपाट (Video Credit; ETV Bharat)

एडीएम सिटी आलोक कुमार का कहना है कि मंदिर की साफ सफाई की गई है, क्या चीज सामने आई हैं. वह बाद में पता चल पाएगा फिलहाल जांच की जा रही है. वहीं एडीसीपी टी सरवन का कहना है कि मंदिर जिला प्रशासन के सहयोग से खोला गया है. किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ है. दोनों पक्षों की सहमति के बाद यहां पर मंदिर खोला गया. सुरक्षा व्यवस्था के लिए यहां पर फोर्स की तैनाती की गई है.

वहीं सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा का कहना है कि हमारी जो मांग थी वह पूरी हो गई है लेकिन जो शिवलिंग मिले हैं वह खंडित हैं. फिर भी हम 14 जनवरी यानी खरमास खत्म होने के बाद यहां पर पूजन पाठ शुरू करेंगे. अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत यहां पर पहले पूजन करेंगे और उसके बाद ब्राह्मण सभा की तरफ से यहां पर पूजन पाठ करने के लिए दो ब्राह्मणों को नियुक्त किया जाएगा.

विश्व हिंदू परिषद विभाग मंत्री कन्हैया सिंह का कहना है कि हमने यहां पर जलाभिषेक की अनुमति मांगी थी, लेकिन नहीं मिली प्रशासन ने मंदिर खोल दिया. अब हम आगे की रणनीति बनाएंगे और यहां पर पूजन पाठ राग भोग इत्यादि शुरू किया जाएगा.

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