बगहा: शिक्षा विभाग में केके पाठक की सख्ती के बाद से विद्यालयों में कई परिवर्तन देखे जा रहे हैं. खासकर बच्चों की उपस्थिति 75 फीसदी अनिवार्य करने के आदेश के बाद विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ी है. इसी संख्या को बढ़ाने और पढ़ाई को बोझिल नहीं बनाने के उद्देश्य से बगहा के राजकीय मध्य विद्यालय औसानी में जन्मदिन मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई है.
पहले जन्मदिन समारोह, फिर पढ़ाई:दरअसल इस विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए चेतना सत्र के बाद बच्चों का धूमधाम से जन्मदिन मनाया जाता है. जिस बच्चे का जन्मदिन होता है, उसे क्राउन पहनाकर बर्थडे सॉन्ग बजाया जाता है. सभी बच्चे उत्साहपूर्वक तालियां बजाकर विश करते हैं. फिर विद्यालय परिवार द्वारा बच्चे को गिफ्ट भी दिया जाता है. बर्थडे सेलिब्रेशन के बाद फिर कक्षा का संचालन होता है.
खुशनुमा माहौल में बच्चों की पढ़ाई:विद्यालय में अक्सर किसी न किसी बच्चे का जन्मदिन रहता है, जिसे पूरा विद्यालय परिवार हर्षोल्लास के साथ मनाता है. अपना जन्मदिन मनाए जाने से बच्चे भी काफी खुश नजर आते हैं, वहीं उनकी उपस्थिति भी देखने को मिलती है. इस बर्थडे सेलिब्रेशन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बच्चों का सुबह-सुबह मनोरंजन हो जाता है और वे प्रफुल्लित हो जाते हैं. जिसके बाद पढ़ाई उनको बोझ नहीं लगती है और वे खुशनुमा माहौल में अपनी पढ़ाई करते हैं.
गरीबों के बच्चे भी रहते हैं उत्साहित:बता दें कि गरीब परिवार के अधिकांश बच्चों को अपना जन्मदिन नहीं मना पाने का मलाल रह जाता है, लेकिन उनकी यह कसक विद्यालय प्रबंधन दूर कर देता है. इसको लेकर प्रभारी प्रधानाध्यापक शैलेंद्र कुमार बताते हैं कि बच्चों के नामांकन के समय उनका बर्थ डेट नामांकन पंजी में अंकित किया गया है. लिहाजा बच्चों को अपना जन्मदिवस याद रहता है और वे एक दिन पूर्व से ही स्कूल में अपना जन्मदिन मनाने को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं.