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'सड़कों पर झंडा-बैनर लगाने से बढ़ रही दुर्घटनाएं': हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को दिये सख्त निर्देश - MADRAS HIGH COURT MADURAI BENCH

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै ब्रांच ने तमिलनाडु में रोड किनारे लगाये गये झंडा और बैनर को हटाने का आदेश दिया है.

MADRAS HIGH COURT
सांकेतिक तस्वीर. (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 27, 2025, 1:51 PM IST

Updated : Jan 27, 2025, 3:33 PM IST

मदुरै: मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै शाखा ने 12 सप्ताह के भीतर सार्वजनिक स्थानों पर लगे सभी राजनीतिक दलों और आंदोलनों के झंडे हटाने का आदेश दिया है. AIADMK नेता चित्तन की दायर याचिका पर सुनवायी करते हुए यह आदेश दिया. कोर्ट ने माना कि सार्वजनिक जगहों पर झंडा या बैनर लगाने से जनता को कई तरह की परेशानियां होती हैं. विभिन्न राजनीतिक दल प्रतिस्पर्धा में पार्टी के झंडे को बहुत ऊंचाई पर लगा रहे हैं, यह स्वीकार्य नहीं है.

क्या है मामलाः एआईएडीएमके नेता चित्तन ने याचिका दायर की थी. याचिका में कहा था, "एआईएडीएमके की 53वीं वर्षगांठ के अवसर पर, निगम अधिकारियों को विलंगुडी क्षेत्र में एआईएडीएमके के पुराने झंडे को हटाने और एक नया झंडा लगाने की अनुमति देने का आदेश दिया जाना चाहिए." मदुरै के मदकुलम क्षेत्र के कुछ लोगों ने मदुरै में बाईपास रोड बस स्टैंड के पास एक ऐसी जगह पर एआईएडीएमके पार्टी का झंडा लगाने की अनुमति मांगने वाली याचिका दायर की थी.

क्या कहा सरकारी वकील नेः न्यायाधीश इलैंडिरियन इन याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं. सरकार की ओर से हसन मोहम्मद जिन्ना और अनबू ने पेश होकर कहा था कि तमिलनाडु में झंडे लगाने के मुद्दे पर 114 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके बाद आज फिर से यह मामला हाईकोर्ट की मदुरै शाखा में सुनवाई के लिए आया. न्यायाधीश ने अनुमति मांगने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.

कोर्ट ने क्या कहाः इस मामले में जस्टिस इलैंडिरियन ने फैसला सुनाया कि "सार्वजनिक स्थानों पर पार्टियों, आंदोलनों, धर्मों और जातियों से संबंधित पार्टी के झंडे लगाने से कानून और व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है. इतना ही नहीं, इससे यातायात में बाधा उत्पन्न होती है और दुर्घटनाएं होती हैं. इससे जनता को कई तरह की परेशानियां होती हैं. इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक दल एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और पार्टी के झंडे को बहुत ऊंचाई पर लगा रहे हैं. यह स्वीकार्य नहीं है.

न्यायालय ध्वज स्तंभों के निर्माण के संबंध में निम्नलिखित आदेश जारी कियेः

  1. तमिलनाडु में राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और स्थानीय सरकारी विभाग से संबंधित स्थानों पर लगाए गए सभी राजनीतिक दलों और आंदोलनों और सभी धार्मिक ध्वज स्तंभों को 12 सप्ताह के भीतर हटा दिया जाना चाहिए.
  2. राजस्व विभाग को भविष्य में सार्वजनिक स्थानों पर ध्वज स्तंभों के निर्माण की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
  3. सरकार को पट्टा स्थानों पर ध्वज स्तंभों के निर्माण के संबंध में उचित नियम बनाने चाहिए.
  4. सार्वजनिक बैठकों और चुनाव के समय पार्टी के झंडे लगाने के लिए उचित दिशा-निर्देश दिए जा सकते हैं.
  5. यदि ऐसा है, तो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का वचन दिया जाना चाहिए और एक जमा राशि और किराया वसूला जाना चाहिए.
  6. क्या इन नियमों का ठीक से पालन किया जा रहा है? समय-समय पर निगरानी की जानी चाहिए.
  7. न्यायिक विभाग द्वारा यह आदेश सभी जिला कलेक्टरों को तत्काल भेजा जाना चाहिए.
  8. तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्यायालय के आदेश का उचित तरीके से क्रियान्वयन हो रहा है.

इसे भी पढ़ेंः तमिलनाडु सरकार ने 11608 लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए, CM स्टालिन ने दिया था आश्वासन

मदुरै: मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै शाखा ने 12 सप्ताह के भीतर सार्वजनिक स्थानों पर लगे सभी राजनीतिक दलों और आंदोलनों के झंडे हटाने का आदेश दिया है. AIADMK नेता चित्तन की दायर याचिका पर सुनवायी करते हुए यह आदेश दिया. कोर्ट ने माना कि सार्वजनिक जगहों पर झंडा या बैनर लगाने से जनता को कई तरह की परेशानियां होती हैं. विभिन्न राजनीतिक दल प्रतिस्पर्धा में पार्टी के झंडे को बहुत ऊंचाई पर लगा रहे हैं, यह स्वीकार्य नहीं है.

क्या है मामलाः एआईएडीएमके नेता चित्तन ने याचिका दायर की थी. याचिका में कहा था, "एआईएडीएमके की 53वीं वर्षगांठ के अवसर पर, निगम अधिकारियों को विलंगुडी क्षेत्र में एआईएडीएमके के पुराने झंडे को हटाने और एक नया झंडा लगाने की अनुमति देने का आदेश दिया जाना चाहिए." मदुरै के मदकुलम क्षेत्र के कुछ लोगों ने मदुरै में बाईपास रोड बस स्टैंड के पास एक ऐसी जगह पर एआईएडीएमके पार्टी का झंडा लगाने की अनुमति मांगने वाली याचिका दायर की थी.

क्या कहा सरकारी वकील नेः न्यायाधीश इलैंडिरियन इन याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं. सरकार की ओर से हसन मोहम्मद जिन्ना और अनबू ने पेश होकर कहा था कि तमिलनाडु में झंडे लगाने के मुद्दे पर 114 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके बाद आज फिर से यह मामला हाईकोर्ट की मदुरै शाखा में सुनवाई के लिए आया. न्यायाधीश ने अनुमति मांगने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.

कोर्ट ने क्या कहाः इस मामले में जस्टिस इलैंडिरियन ने फैसला सुनाया कि "सार्वजनिक स्थानों पर पार्टियों, आंदोलनों, धर्मों और जातियों से संबंधित पार्टी के झंडे लगाने से कानून और व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है. इतना ही नहीं, इससे यातायात में बाधा उत्पन्न होती है और दुर्घटनाएं होती हैं. इससे जनता को कई तरह की परेशानियां होती हैं. इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक दल एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और पार्टी के झंडे को बहुत ऊंचाई पर लगा रहे हैं. यह स्वीकार्य नहीं है.

न्यायालय ध्वज स्तंभों के निर्माण के संबंध में निम्नलिखित आदेश जारी कियेः

  1. तमिलनाडु में राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और स्थानीय सरकारी विभाग से संबंधित स्थानों पर लगाए गए सभी राजनीतिक दलों और आंदोलनों और सभी धार्मिक ध्वज स्तंभों को 12 सप्ताह के भीतर हटा दिया जाना चाहिए.
  2. राजस्व विभाग को भविष्य में सार्वजनिक स्थानों पर ध्वज स्तंभों के निर्माण की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
  3. सरकार को पट्टा स्थानों पर ध्वज स्तंभों के निर्माण के संबंध में उचित नियम बनाने चाहिए.
  4. सार्वजनिक बैठकों और चुनाव के समय पार्टी के झंडे लगाने के लिए उचित दिशा-निर्देश दिए जा सकते हैं.
  5. यदि ऐसा है, तो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का वचन दिया जाना चाहिए और एक जमा राशि और किराया वसूला जाना चाहिए.
  6. क्या इन नियमों का ठीक से पालन किया जा रहा है? समय-समय पर निगरानी की जानी चाहिए.
  7. न्यायिक विभाग द्वारा यह आदेश सभी जिला कलेक्टरों को तत्काल भेजा जाना चाहिए.
  8. तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्यायालय के आदेश का उचित तरीके से क्रियान्वयन हो रहा है.

इसे भी पढ़ेंः तमिलनाडु सरकार ने 11608 लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए, CM स्टालिन ने दिया था आश्वासन

Last Updated : Jan 27, 2025, 3:33 PM IST
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