नालंदा: भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन कड़े कदम उठा रहा है. इसी कड़ी में नालंदा ज़िला प्रशासन ने सभी विभागों को निर्देश जारी कर आदेश दिया है. निर्देश में सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य किया गया है.
सरकारी कर्मचारियों को देना होगा संपत्ति ब्यौरा: साथ ही निर्देश में कहा गया है कि जो भी सरकारी कर्मी 31 जनवरी तक संपत्ति का विवरण नहीं देगा, उसकी वेतन पर रोक लगा दी जाएगी. इस आदेश के बाद सरकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.
31 जनवरी तक की डेडलाइन: विभाग के इस कदम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की आय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ भ्रष्टाचार पर नकेल कसना है. इससे यह स्पष्ट होगा कि सरकारी कर्मियों की आय का स्रोत वैध है.
9400 से कर्मचारियों को देना होगा विवरण: आपको बता कि जिले में लगभग 600 अधिकारी व 9400 सरकारी कर्मी शामिल हैं. इसमें चतुर्थ वर्गीय श्रेणी के कर्मियों को छोड़कर सभी शामिल होंगे. विभाग के इस आदेश का पालन करना अनिवार्य है.
ऑनलाइन पोर्टल में देनी होगी जानकारी: ट्रेजरी विभाग द्वारा संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है. जिला स्थापना शाखा द्वारा सभी वरीय प्रभारियों को यह सूचना दे दी गई है. आईटी मैनेजर सतीश कुमार ने बताया कि वर्ग-1 से तृतीय श्रेणी तक के अधिकारियों और कर्मचारियों को चल व अचल दोनों प्रकार की संपत्ति का ऑनलाइन विवरण देना होगा.
"विवरण अपलोड करने के बाद इसकी एक हस्ताक्षरयुक्त प्रति संबंधित विभाग के अधिकारी और जिला प्रशासन को सौंपनी होगी. यदि निर्धारित समय-सीमा में कर्मचारी ऐसा नहीं करते हैं, तो फरवरी माह का वेतन जारी नहीं किया जाएगा."- सतीश कुमार, आईटी मैनेजर
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