टोंक : देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान थप्पड़ कांड के बाद जिला कलेक्टर डॉ सौम्या झा बयान सामने आया है. इसमें उन्होंने उपचुनाव के दौरान के पूरे घटनाक्रम को बताया है. साथ ही यह भी कहा कि इस पूरे मामले में प्रशासन ने संयम के साथ कार्रवाई को अंजाम दिया है.
कलेक्टर डॉ. सौम्या झा का कहना है कि दो-तीन लोगों ने मतदान किया था, इसके लिए एसडीएम को दोषी ठहराते हुए नाराज होकर नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था. इसके बाद एसडीएम ने एफआईआर रजिस्टर करवाई थी और गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया था. इस पर हमारा आंकलन था कि मतदान प्रक्रिया के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि उससे पहले कार्रवाई करने पर कैंडिडेट का चुनाव को लेकर हक मारा जाता. साथ ही आशंका यह भी थी कि अगर हम कोई एक्शन लेते हैं तो री-एक्शन के तौर पर उनके समर्थक बूथ पर अटैक कर सकते हैं, इसलिए हमने निर्णय किया कि मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पोलिंग स्टेशन से EVM के रवाना होने तक का इंतजार किया गया, जहां एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पहुंची, इस दौरान कानून व्यवस्था को हाथ में लिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि बाहर से आए लोगों ने इस पूरे मामले में गड़बड़ की है.
मौके पर नहीं जाने को लेकर कहीं यह बात :कलेक्टर ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की ओर से धरना स्थल पर कलेक्टर को बुलाने की मांग पर उन्होंने कहा कि उस समय फोन पर बात करने की कोशिश की गई थी. उन्होंने खुद अपने मोबाइल से नरेश मीणा के पास कई बार फोन किया, नरेश मीणा ने फोन नहीं उठाया. चुनाव के दौरान लिखित आश्वासन देना संभव नहीं था. टोंक कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीणों की मांग पर आचार संहिता के कारण कोई कार्रवाई तत्काल नहीं की जा सकती थी.