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Rajasthan: प्रदूषण के मामले में श्रीगंगानगर देश में दूसरे नंबर पर, दीपावली के बाद बढ़ गया स्तर

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण के अनुसार श्रीगंगानगर देश के सबसे प्रदूषित दस शहरों में शुमार हैं. इसका देश में दूसरा नंबर है.

Pollution in Shriganganagar
प्रदूषण के मामले में श्रीगंगानगर देश में दूसरे नंबर पर (Photo ETV Bharat Shriganganagar)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 4, 2024, 4:34 PM IST

श्रीगंगानगर: राजस्थान के शहरों की आबोहवा दीपावली के बाद बेहद खराब हो गई है. कई शहरों में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया. सेंटर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ताजा रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के तीन प्रमुख शहर देश के सबसे प्रदूषित दस शहरों में शुमार हैं. इसमें श्रीगंगानगर देशभर में दूसरे स्थान पर रहा. यहां हवा में प्रदूषण का स्तर "बेहद खराब" श्रेणी में दर्ज किया गया.

श्रीगंगानगर का AQI लेवल 400 के करीब: देशभर के प्रदूषित शहरों की सूची में राजस्थान के तीन शहर शामिल हैं. इनमें श्रीगंगानगर दूसरे, भरतपुर पांचवें और हनुमानगढ़ सातवें स्थान पर हैं. श्रीगंगानगर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रविवार रात 345 पर था, जो सोमवार दोपहर 400 के करीब पहुंच गया. भरतपुर में रविवार रात AQI 314 और सोमवार दोपहर 318 दर्ज किया गया. इसी प्रकार, हनुमानगढ़ का AQI रविवार रात 307 था, जो सोमवार दोपहर 367 तक पहुंच गया.

प्रदूषण के मामले में श्रीगंगानगर देश में दूसरे नंबर पर (ETV Bharat Shriganganagar)

पढ़ें: दीपावली पर दिन-रात होगी शहर की आबोहवा की जांच, वायु प्रदूषण के घटकों का चलेगा पता

300 से ऊपर AQI बेहद खराब माना जाता है: मौसम विभाग के मानकों के अनुसार, AQI लेवल 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बहुत खराब, और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी में आता है. AQI लेवल के 300 पार होने का मतलब है कि हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है.

स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव:श्रीगंगानगर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नवदीप सिंह का कहना है कि दीपावली पर जलाए गए पटाखों, पंजाब और पाकिस्तान में पराली जलाने और वाहनों की बढ़ती संख्या से प्रदूषण बढ़ा है. पिछले साल भी इन दिनों में हवा का स्तर खतरनाक स्थिति में था. प्रदूषित हवा के कारण सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया और सीओपीडी जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं. डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क का उपयोग करना आवश्यक है, ताकि जहरीली हवा सीधे फेफड़ों में न जाए. लोगों को सलाह दी गई है कि सांस से जुड़ी किसी भी समस्या पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें.

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