बाड़मेरः राजस्थान के बाड़मेर नगर परिषद में कांग्रेस बोर्ड के इस कार्यकाल की आखिरी साधारण सभा की बैठक सोमवार को नगर परिषद के सभापति दिलीप माली की अध्यक्षता में हुई. बैठक के दौरान कई मुद्दों को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त तरीके का हंगामा हुआ. इस दौरान नवो बाड़मेर अभियान में पार्षदों की अनदेखी समेत कई मुद्दे उठे. वहीं, भाजपा पार्षदों ने नगर परिषद में हुए घोटाले के मामलों को उठाते हुए कहा कि आज के समय में नगर परिषद में वितीय अभाव चल रहा है.
15 सालों से चल रहा है यह खेल : बैठक के दौरान विधायक प्रियंका चौधरी ने भी बाड़मेर नगर परिषद में हुए घोटाले पर जमकर खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि पिछले 15 सालों से यह खेल चल रहा है. इसके लिए बैठक में आमंत्रित होने वाले सभी लोग जिम्मेदार हैं, अब तक इस विषय पर क्यों चुप रहे?, क्यों नहीं इस मामले को उठाया, क्यों एफआईआर दर्ज नहीं करवाई. उन्होंने कहा कि जब कभी फर्जी पट्टों और घोटालों की जांच हुई तब नगर परिषद से फाइलें गायब कर दी जाती हैं या उन्हें जला दिया जाता है.
20 हजार पट्टों के बड़े बड़े दावे खोखले: विधायक चौधरी ने शहर में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण पर भी खासी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने बताया कि नगर परिषद द्वारा 20 हजार पट्टे जारी करने के बड़े-बड़े दावे किए गए, जबकि विधानसभा में उनके द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में महज 4 हजार पट्टी जारी होने की ही बात सामने आई है. उन्होंने बताया कि बाड़मेर नगर परिषद में कोई अच्छा अधिकारी आने को तैयार नही है. यहां पर बहुत बड़ा जला बिछा हुआ है.
कहां गए 100 करोड़ : विधायक ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि कहां गए 100 करोड़ ? उन्होंने कहा कि अंगुली उठाना और हंगामा करना बहुत आसान है. उन्होंने बैठक में कहा कि आप लोग जो आश्वासन चाहते हैं वह मिलेगा, लेकिन इसमें आप सभी की मदद चाहिए.
वहीं, सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बाड़मेर नगर परिषद में भ्रष्टाचार की बहुत सारी शिकायतें सामने आई थी. यहां पर नियमों को ताक पर रखकर टेंडर करने के साथ ही पट्टे भी जारी किए.