जयपुर: राजस्थान विधानसभा के सदन में पांच दिन से जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सरकार खुद सदन चलाना नहीं चाहती है. सरकार में इतनी शक्ति नहीं है कि हमारे विपक्ष का सामना कर सके और जनता की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कर सके. इसलिए सरकार सदन चलाना नहीं चाहती है.
उन्होंने कहा, ये नाथूराम गोडसे की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं. अंग्रेजों की तरफ फूट डालो और राज करो, यही इनकी नीति है. इसी से ये अपना बचाव करने में लगे हैं. झूठी खबरें फैलाना इनकी आदत है. गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, सरकार के मंत्री द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर टिप्पणी से सदन में गतिरोध बना है. वो टिप्पणी आज भी सदन की कार्यवाही में है. टिप्पणी करने वाले मंत्री ने आज भी माफी नहीं मांगी है. खेद प्रकट नहीं किया है.
सदन चलाने के लिए हमने जताया खेद: उन्होंने कहा, सदन चले और जनता के मुद्दे सदन में आए. इसलिए हमने अपनी तरफ से खेद प्रकट कर दिया. उसके बावजूद जो हुआ वो सबके सामने है. इनमें शक्ति ही नहीं है कि ये हमारे विपक्ष का मुकाबला कर सके. जनता के मुद्दों को सुनकर उनके समाधान करने की भी सरकार की मंशा नहीं है.
चार दिन में एक बार भी नहीं आए सीएम: उन्होंने कहा, सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती और स्पीकर सरकार का नुकसान कर रहे हैं. ये हट जाएं तो उनका नंबर आ जाए. यह भी सोच हो सकती है. सीएम और स्पीकर के बीच संवादहीनता को लेकर बयान के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, गैप तो है ही. आज चार दिन में मुख्यमंत्री आए क्या? उन्होंने स्पीकर और हमारे साथ बैठकर कोई चर्चा की क्या? आप बताइए, मुख्यमंत्री कहां है. बाहर कहीं भाषण दे रहे हों, तो पता नहीं. लेकिन सदन में तो आए नहीं.
सीएम को पूछना चाहिए, ऐसी टिप्पणी क्यों: डोटासरा बोले वे (मुख्यमंत्री) विधानसभा आते भी हैं, तो अपने कमरे में आकर वापस चले जाते हैं. इस तरह तो दूसरे लोग भी आते हैं. कमर्चारी भी आते हैं. ऐसे तो कर्मचारी की तरह मुख्यमंत्री थोड़े होते हैं. सीएम सदन के नेता होते हैं. मुख्यमंत्री सभी 200 विधायकों के नेता होते हैं. उन्हें कम से कम आकर बात करनी चाहिए. उन्हें पूछना चाहिए कि इस तरह की टिप्पणी क्यों की गई.
फूट डालो और राज करो... यही इनकी नीति: सदन को हाईजैक करने के प्रयास वाले बयान को लेकर उन्होंने कहा, हम यहां पूरे 66 विधायक धरने पर बैठे हैं. अगर एक व्यक्ति इस तरह का प्रयास करता तो वो एक ही धरना देता. उन्होंने कहा, ये नाथूराम गोडसे की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं. अंग्रेजों की तरफ फूट डालो और राज करो, यही इनकी नीति है. इसी से ये अपना बचाव करने में लगे हैं. झूठी खबरें फैलाना इनकी आदत है. इससे क्या फर्क पड़ता है. हमारे बीच कोई मनमुटाव नहीं है. सबने यहां देखा कि हम सब एकजुट हैं.
पढ़ें: राजस्थान विधानसभा का आज घेराव करेगी कांग्रेस, जूली ने भाजपा सरकार पर लगाए आरोप - DADI REMARK ROW
बजट पर नेता प्रतिपक्ष का जवाब नहीं चाहती सरकार: उन्होंने कहा, राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हमारे नेता (टीकाराम जूली) का संबोधन नहीं हुआ. ये बजट पर वाद-विवाद पर भी उनका संबोधन नहीं करवाना चाहते हैं. इसी के चलते सदन में गतिरोध बनाए रखना चाहते हैं. बता दें कि, राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष का संबोधन नहीं हुआ था. मुख्यमंत्री ने भी विपक्ष के हंगामे के बीच अपना संबोधन पढ़ा था.