शिमला: कांग्रेस ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि सत्ता में आने पर पहली ही कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरी दी जाएगी. कांग्रेस ने चुनाव पूर्व पांच साल में पांच लाख सरकारी नौकरी का वादा किया था. अब सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कैबिनेट में गेस्ट टीचर भर्ती करने का फैसला लिया. इस नीति के तहत स्कूलों व कॉलेजों में प्रति पीरियड तय मानदेय पर गेस्ट टीचर रखे जाएंगे. प्रदेश भर के युवा इस नीति का विरोध कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर सरकार को तरह से तरह से ट्रोल किया जा रहा है, लेकिन सबसे अधिक निशाने पर कोई हैं तो वो डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री हैं. सोशल मीडिया यूजर्स डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के एक भाषण की क्लिप बार-बार शेयर कर रहे हैं. उसमें डिप्टी सीएम जोर-शोर से दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार बनने पर पांच लाख सरकारी नौकरी दी जाएगी. मुकेश अग्निहोत्री उस क्लिप में ये कहते सुने जा सकते हैं कि हमारी सरकार 'ठूंजा' साल वाली नौकरी देगी. वे बोल रहे हैं-कांग्रेस की सरकार बनेगी, नौकरी मिलेगी तो पक्की मिलेगी, ठूंजा साल वाली मिलेगी. ये 2500 रुपए वाली नौकरी, ये 3500 रुपए की नौकरी, ये 4500 रुपए की नौकरी, बिल्कुल बंद की जाएगी. पक्की नौकरी, ठूंजा साल वाली नौकरी, पेंशन वाली नौकरी दी जाएगी.
आखिर क्या है 'ठूंजा' साल वाली नौकरी
डिप्टी सीएम के भाषण के अनुसार सत्ता में आने के बाद कांग्रेस पक्की नौकरी देगी, ऐसा वादा किया गया था। लोकल बोली में अठावन को ठूंजा भी कहा जाता है. अमूमन हिमाचल में पचास के बाद गिनती कुछ यूं की जाती है-कूंजा, बूंजा, त्रियूंजा, चरूंजा, पचूंजा, छपूंजा, सतूंजा, ठूंजा, ऊणाठ और फिर साठ. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री 58 साल वाली नौकरी, जिसमें पेंशन मिलती है और कर्मचारी 58 साल में रिटायर होता है, उस नौकरी की बात कर रहे थे.
क्या बोल रहे सोशल मीडिया यूजर्स
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के भाषण की क्लिप को वायरल किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश बेरोजगार संघ के सोशल मीडिया पन्ने पर लिखा गया-सबसे ज्यादा झूठ तो मुकेश अग्निहोत्री जी बोलते हैं, कहां गई साहब आपकी ठूंजा साल वाली नौकरी? अजय चौहान नामक यूजर ने फेसबुक पर भाषण की क्लिप शेयर की और लिखा-ठूंजा साल वाली नौकरी बोली थी, फिर ये गेस्ट टीचर वाली भर्ती के नाम पर प्रदेश के युवाओं से भद्दा मजाक क्यों? एडवोकेट नेकराज ठाकुर ने अपने फेसबुक पन्ने पर लिखा-अपनी लड़की को ठूंजा साल वाली नौकरी, जनता के बच्चों को पचूंजा सौ (5500) की नौकरी, कैसा लगा मेरा मजाक. जेबीटी शिक्षक नामक पन्ने पर लिखा गया- व्यवस्था परिवर्तन.