शिमला: हिमाचल प्रदेश में सीमेंट के दाम प्रति बोरी ₹5 कंपनियों ने बढ़ाए हैं. इसको लेकर अब विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. वहीं, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सीमेंट के बढ़े दाम को लेकर सरकार की विवशता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि सीमेंट फ्री कंट्रोल आइटम है. सीमेंट का दाम सरकार नहीं बल्कि सीमेंट कंपनियां ही तय करती हैं.
मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में तीन बड़े सीमेंट प्लांट हैं. सीमेंट फ्री कंट्रोल आइटम है. इस पर ना तो केंद्र सरकार का और ना ही हिमाचल सरकार का कोई नियंत्रण है. दाम बढ़ाने का अधिकार कंपनी का है. वह अपने हिसाब से दाम बढ़ा और घटा सकती है. सरकार केवल कंपनी पर दबाव बन सकती है कि वह सीमेंट के दाम न बढ़ाएं, लेकिन दाम तय करना सरकार के हाथ में नहीं है".
मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हाल ही में सीमेंट के दाम ₹5 प्रति बोरी बढ़े हैं. 2 साल में सीमेंट पर केवल ₹30 दाम बढ़े हैं. जबकि भाजपा के कार्यकाल में सीमेंट के दाम करीब 130 रुपये बढ़े थे. विपक्ष द्वारा जो सीमेंट कंपनियों के साथ सरकार की सांठगांठ का आरोप लगाया जा रहा है, वो बुनियाद है. सीमेंट फ्री कंट्रोल आइटम है और कंपनियां खुद ही सीमेंट का दाम तय करती है.
वहीं, अवैध माइनिंग को लेकर हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार इसको लेकर सख्त है. माइनिंग की नई पॉलिसी बनाई गई है. अवैध माइनिंग को रोकने के लिए टास्क फोर्स बनाई जा रही है. वे खुद जिलों का दौरा कर रहे हैं. जहां पुलिस और माइनिंग के अधिकारियों को अवैध माइनिंग को लेकर जीरो टॉलरेंस अपने को कहा गया है. ऊना जिला में भी मीनिंग पर रोक लगा दी गई है.
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