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कैसे पूरा होगा अंतिम सफर, सरकार ने लगाया लकड़ी कटान पर बैन, सोलन श्मशान घाट में सप्लाई बंद - WOOD SHORTAGE SOLAN CREMATORIUM

सोलन शमशानघाट पर ठेकेदार ने लकड़ी की सप्लाई देने से मना कर दिया है. इसी कारण शमशान घाट पर लकड़ी की शॉर्टेज हो गई है.

सोलन शमशान घाट पर हुई लकड़ियों की कमी
सोलन शमशान घाट पर हुई लकड़ियों की कमी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 17, 2025, 7:31 PM IST

सोलन: प्रदेश लकड़ी काटने पर बैन लगा है, जिसके चलते शमशान घाट में भी अब लकड़ी की शॉर्टेज होने लगी है. ऐसा ही हाल नगर निगम सोलन में भी देखने को मिल रहा है. यहां शमशान घाट पर ठेकेदार ने लकड़ी की सप्लाई देने से मना कर दिया है. इसी कारण शमशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए अचानक लकड़ी की शॉर्टेज हो गई है. हालांकि नगर निगम सोलन ने वन विभाग से इसको लेकर लकड़ी का इंतजाम किया है, लेकिन दोगुने दाम पर लकड़ी निगम को वन विभाग की ओर से उपलब्ध करवाई जा रही है.

नगर निगम सोलन की कमिश्नर एकता काप्टा ने जानकारी देते हुए बताया कि, 'शमशान घाट में लकड़ी सप्लाई करने के लिए निगम की ओर से टेंडर लगाया गया है, जिसमें एक ठेकेदार निगम को लकड़ियों की सप्लाई करता है, लेकिन सरकार के आदेशों के बाद ठेकेदार ने लकड़ी देने से मना कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ जो लकड़ी ठेकेदार के पास मौजूद है उसको ट्रांसपोर्ट करने के लिए उसे परमिट नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में इस समस्या को देखते हुए वन विभाग से इस बारे में बात की गई थी, लेकिन उन्हें लकड़ी ट्रांसपोर्ट करने के लिए दोगुने पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. एक तो उन्हें खुद ही लकड़ी को ट्रांसपोर्ट करना पड़ रहा है. वहीं, ठेकेदार उन्हें 540 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लकड़ी उपलब्ध करवाता था. वहीं, वन विभाग उन्हें 1,130 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लकड़ी उपलब्ध करवा रहा है. इसका भार नगर निगम पर तो पड़ ही रहा है. वहीं, इसका बर्डन आम लोगों पर भी पड़ रहा है.

सोलन शमशान घाट पर हुई लकड़ियों की कमी (ETV BHARAT)

एकता काप्टा ने कहा कि, ' समस्या के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है और डीसी सोलन के समक्ष भी इस बात को रखा गया है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में इसी तरह के आदेश जारी हुए हैं, जिसके चलते लोग अपने खेतों और जंगलों में पड़ी लकड़ी को इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार ने पेड़ कटान पर अंकुश लगाने के लिए सख्त फैसले लिए हैं. इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इसके मुताबिक प्रदेश सरकार ने खैर व तीन प्रजातियों सफेदा, पॉपुलर और बांस को छोड़कर अन्य पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा कृषि और घरेलू उपयोग के लिए साल भर में तीन पेड़ एक वर्ष के भीतर किसानों द्वारा काटे जा सकते हैं.

यहां पढ़ें पूरी खबर: हिमाचल में कृषि और घरेलू उपयोग के लिए साल में इतने पेड़ काट सकते हैं किसान, आदेश जारी

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