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ईडी की बड़ी कार्रवाई, MUDA से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 300 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क कीं - MUDA SCAM

ईडी ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में करीब 300 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियां कुर्क की हैं.

Enforcement Directorate
प्रवर्तन निदेशालय (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 17, 2025, 10:32 PM IST

बेंगलुरु : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में करीब 300 करोड़ रुपये मूल्य की 142 अचल संपत्तियां कुर्क की हैं.

बता दें कि इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य भी शामिल हैं. यह कुर्की एमयूडीए द्वारा भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं की धनशोधन जांच का हिस्सा है.

इस संबंध में ईडी ने एक्स पर अपनी एक पोस्ट में कहा है कि रियल एस्टेट एजेंट, व्यवसायी समेत विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड संपत्ति, प्लाट, जमीन और अन्य संपत्तियों को कुर्क किया गया.

साथ ही कहा गया है कि आरोप है कि सीएम सिद्धारमैया ने एमयूडीए के द्वारा अधिग्रहीत तीन एकड़ 16 गुंटा जमीन के एवज में अपनी पत्नी पार्वती के नाम पर 14 भूखंडों के लिए मुआवजा पाने के लिए अपने राजनीतिक प्रभाव का प्रयोग किया. इसके अलावा आरोप लगाया गया है कि मूल रूप से यह भूमि एमयूडीए ने 3 लाख 24 हजार 700 रुपये में अधिग्रहीत की गई थी. हालांकि इस पॉश इलाके में 14 भूखंडों के मुआवजा 56 करोड़ रुपये दिया गया.

गौरतलब है कि इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस मामले में कर्नाटक लोकायुक्त ने पूछताछ की है. मुख्यमंत्री ने बार-बार अपने या अपने परिवार द्वारा किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि विपक्ष उनसे ‘‘डरा हुआ’’ है और ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.

एजेंसी ने कहा कि एमयूडीए के पूर्व आयुक्त डीबी नटेश की भूमिका पार्वती को मुआवजा स्थलों के अवैध आवंटन में मुख्य रूप से सामने आई है. इसने दावा किया है कि इस प्रकार अर्जित लाभ को वैध स्रोतों से प्राप्त दिखाया गया है.

ये भी पढ़ें- ममता सरकार के पूर्व मंत्री को PMLA कोर्ट से मिली जमानत, राशन घोटाला में ED ने किया था गिरफ्तार

बेंगलुरु : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में करीब 300 करोड़ रुपये मूल्य की 142 अचल संपत्तियां कुर्क की हैं.

बता दें कि इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य भी शामिल हैं. यह कुर्की एमयूडीए द्वारा भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं की धनशोधन जांच का हिस्सा है.

इस संबंध में ईडी ने एक्स पर अपनी एक पोस्ट में कहा है कि रियल एस्टेट एजेंट, व्यवसायी समेत विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड संपत्ति, प्लाट, जमीन और अन्य संपत्तियों को कुर्क किया गया.

साथ ही कहा गया है कि आरोप है कि सीएम सिद्धारमैया ने एमयूडीए के द्वारा अधिग्रहीत तीन एकड़ 16 गुंटा जमीन के एवज में अपनी पत्नी पार्वती के नाम पर 14 भूखंडों के लिए मुआवजा पाने के लिए अपने राजनीतिक प्रभाव का प्रयोग किया. इसके अलावा आरोप लगाया गया है कि मूल रूप से यह भूमि एमयूडीए ने 3 लाख 24 हजार 700 रुपये में अधिग्रहीत की गई थी. हालांकि इस पॉश इलाके में 14 भूखंडों के मुआवजा 56 करोड़ रुपये दिया गया.

गौरतलब है कि इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस मामले में कर्नाटक लोकायुक्त ने पूछताछ की है. मुख्यमंत्री ने बार-बार अपने या अपने परिवार द्वारा किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि विपक्ष उनसे ‘‘डरा हुआ’’ है और ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.

एजेंसी ने कहा कि एमयूडीए के पूर्व आयुक्त डीबी नटेश की भूमिका पार्वती को मुआवजा स्थलों के अवैध आवंटन में मुख्य रूप से सामने आई है. इसने दावा किया है कि इस प्रकार अर्जित लाभ को वैध स्रोतों से प्राप्त दिखाया गया है.

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