शिमला: नए साल के पहले महीने का पहला पखवाड़ा बीत गया है. इस साल हिमाचल को नया मुख्य सचिव मिलने वाला है. इसके साथ ही रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी को भी नया चेयरपर्सन मिलेगा. इन दो सबसे हॉट सीटों के लिए अफसरशाही में खूब दिलचस्पी रहती है. पूर्व मुख्य सचिव व रेरा के चेयरपर्सन रहे डॉ. श्रीकांत बाल्दी का कार्यकाल पूरा हो चुका है. मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली कमेटी अब नया चेयरपर्सन चुनेगी.
इस बीच, नौकरशाही में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. मौजूदा मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को रेरा के चेयरपर्सन के तौर पर आवेदन करने के लिए सरकार ने अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी एनओसी दे दिया है. रेरा के मुखिया पद के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 23 जनवरी है. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना इसी साल मार्च महीने में रिटायर होने हैं, परंतु उन्हें इससे पहले ही रेरा में जाने का मौका मिल सकता है. ये संभावनाएं इसलिए बलवती हुई हैं कि 23 जनवरी को आवेदन की अंतिम तारीख से पहले राज्य सरकार ने प्रबोध सक्सेना को रेरा के लिए एनओसी दे दी है. श्रीकांत बाल्दी का कार्यकाल 12 दिसंबर 2024 को पूरा होने के बाद से रेरा चेयरपर्सन की कुर्सी खाली है.
मुख्य न्यायाधीश की कमेटी करती है चयन
रेरा के चेयरपर्सन के पद पर चयन का जिम्मा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली कमेटी के पास होता है. इस कमेटी में मुख्य न्यायाधीश के साथ ही विधि सचिव व सचिव हाउसिंग इस सिलेक्शन कमेटी के सदस्य होते हैं. रेरा के चेयरपर्सन की कुर्सी के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 23 जनवरी है. उसके बाद सिलेक्शन कमेटी नए मुखिया का चयन करेगी.
कौन होगा नौकरशाही का नया बॉस
प्रबोध सक्सेना यदि रेरा के चेयरपर्सन पद पर चुने जाते हैं तो फिर राज्य सरकार को नौकरशाही का नया बॉस तलाशना होगा. ऐसे में ये देखना दिलचस्प रहेगा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार मुख्य सचिव के पद पर किसे चुनती है? क्या सुक्खू सरकार मुख्य सचिव के लिए सीनियोरिटी को कंसीडर करेगी या फिर सीएम अपनी पसंद के किसी अफसर को चुनेंगे. पूर्व में वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्य सचिव के पद पर सीनियोरिटी को नजरअंदाज कर वीसी फारका को मुख्य सचिव बनाया था. खैर, अब मौजूदा परिस्थितियों को देखते हैं. सीनियोरिटी के लिहाज से अभी 1988 बैच के आईएएस संजय गुप्ता का नाम सबसे पहले आता है. उसके बाद फिर 1993 बैच अफसर केके पंत लिस्ट में हैं. ये भी संभव है कि हिमाचल के मुख्य सचिव की कुर्सी यहीं के अफसर ओंकार शर्मा के पास आए. वे हिमाचल के चंबा जिला से संबंध रखते हैं और 1994 बैच के आईएएस अफसर हैं.
वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि रेरा के चेयरपर्सन का कार्यकाल पांच साल का होता है. रेरा के चेयरपर्सन का पद हॉट सीट माना जाता है. यही कारण है कि वरिष्ठ आईएएस इस पद के लिए तैयार रहते हैं. पिछली बार डॉ. श्रीकांत बाल्दी को ये कुर्सी मिली थी. वे राज्य के मुख्य सचिव थे. अभी मुख्य सचिव के तौर पर उनके कार्यकाल के कुछ दिन बाकी थे, लेकिन उससे पहले ही वे रेरा में जॉइन कर गए. इस बार भी ये संभावना है कि रेरा के मुखिया की कुर्सी मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को मिल सकती है. पहले उन्होंने खुद को रेरा के चेयरपर्सन वाली फाइल से अलग किया और अब राज्य सरकार ने उन्हें आवेदन के लिए एनओसी दे दी है. ऐसे में संभावना है कि प्रबोध सक्सेना को ये पद मिल जाए.
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