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बोकारो के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी, कई स्कूलों में एक शिक्षक के भरोसे पठन-पाठन - Shortage Of Teachers - SHORTAGE OF TEACHERS

Teachers shortage in schools. झारखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी है. हालत यह है कि कई स्कूलों में एक ही शिक्षक पदस्थापित हैं. ऐसे में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिल पाएगी यह सहज ही समझा जा सकता है. बोकारो के भी कई स्कूलों में यही हालात हैं.

Shortage Of Teachers
बोकारो का स्कूल. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 31, 2024, 7:29 PM IST

बोकारो:झारखंड सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसके तहत स्कूल ऑफ एक्सीलेंस सहित कई बेहतरीन कदम उठाए गए हैं, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी सरकार की कोशिशों पर पानी फेर रही है.

बोकारो के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर रिपोर्ट और जानकारी देते संवाददाता बसंत मधुकर. (वीडियो-ईटीवी भारत)

कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी से पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है और बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. बोकारो में भी ऐसे कई प्राथमिक और मिडिल स्कूल हैं, जहां एक शिक्षक के भरोसे ही पठन-पाठन का काम चल रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने बोकारो में ऐसे ही दो स्कूल आदर्श प्राथमिक विद्यालय भवानीपुर चास और उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामडीह की पड़ताल की है.

बोकारो के कई स्कूलों में मात्र एक शिक्षक

ईटीवी भारत की पड़ताल में यह तथ्य सामने आया है कि बोकारो के दो दर्जन से अधिक ऐसे प्राथमिक और मध्य विद्यालय हैं, जहां मात्र एक शिक्षक ही पदस्थापित हैं. इस कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है. इन्हीं शिक्षकों पर पढ़ाई, विभागीय कार्य, गैर शैक्षणिक कार्य का दारोमदार है. ऐसे में प्रश्न यह है कि इस परिस्थिति में बच्चों का भविष्य कैसे संवरेगा?

शिक्षकों ने साझा की समस्या

पड़ताल के दौरान एकल शिक्षक वाले विद्यालयों का संचालन करने वाले शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में मात्र एक शिक्षक रहने से काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षकों ने बताया कि एक तो विभाग को प्रतिदिन का आंकड़ा भेजना, उपस्थिति विवरणी भेजना, एमडीएम बनवाना और उसके साथ-साथ पठन-पाठन का कार्य करना. इसके अलावा गैर शैक्षणिक कार्यों में भी लगा दिए जाने से समस्या बढ़ जाती है.

शिक्षकों को छुट्टी लेने में भी परेशानी
वहीं जिन स्कूलों में एक ही शिक्षक हैं वहां के शिक्षकों को छुट्टी लेने में भी काफी परेशानी होती है. छुट्टी लेने से दो दिन पूर्व कार्यालय को सूचना देनी होती है. तब विभाग की ओर से आसपास के किसी अन्य स्कूल से शिक्षक की प्रतिनियुक्ति उक्त स्कूल में छुट्टी की अवधि तक की जाती है. इसके बाद एकल स्कूल वाले शिक्षकों को छुट्टी मिल पाती है. वहीं यदि अचानक जरूर काम से शिक्षकों को छुट्टी लेनी पड़ गई तो स्कूल के अध्यक्ष या अन्य कोई सदस्य स्कूल खोलते हैं.

दो-तीन क्लास को मर्ज कर स्कूल में पढ़ाई

वहीं इस संबंध में उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामडीह के छात्र-छात्राओं ने बताया कि स्कूल में शिक्षक की कमी से पढ़ने में काफी परेशानी होती है. एक साथ दो-तीन क्लास को मर्ज कर के पढ़ाया जाता है. ऐसे में विषय समझने में परेशानी होती है.

बोकारो में एकल शिक्षक वाले स्कूलों की सूची
प्राथमिक विद्यालय बुद्धाडीह चास, प्राथमिक विद्यालय मगनपुर चास, प्राथमिक विद्यालय रामडीह चास, प्राथमिक विद्यालय गोपीनाथपुर जारीडीह, प्राथमिक विद्यालय बरई नावाडीह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कारो स्पेशल बेरमो, प्राथमिक विद्यालय कुशमा चास, प्राथमिक विद्यालय विश्वनाथडीह चास, प्राथमिक विद्यालय परसाटांड़ चंद्रपुरा, प्राथमिक विद्यालय डुमरजोर चास, प्राथमिक विद्यालय डेमूडीह चास, प्राथमिक विद्यालय ढोरी बस्ती बेरमो, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पपलो चंद्रपुरा, प्राथमिक विद्यालय सिंगारबेरा बेरमो, प्राथमिक विद्यालय सेंट्रल कॉलोनी ढोरी बेरमो, प्राथमिक विद्यालय फुदनीडीह चास, प्राथमिक विद्यालय जरीडीह चास, प्राथमिक विद्यालय बेरमो मकतब बेरमो, प्राथमिक विद्यालय बांसगढ़ी (कन्या) चंदनकियारी, मध्य विद्यालय ससबेड़ा गोमिया (शिक्षक विहीन विद्यालय), उत्क्रमित मध्य विद्यालय घघरी गोमिया, प्राथमिक विद्यालय गंझूडीह गोमिया

सरकार को ध्यान देने की जरूरतः राम मूर्ति ठाकुर

वहीं इस संबंध में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव राम मूर्ति ठाकुर ने कहा कि सरकार को इस संबंध में ध्यान देने की आवश्यकता है. अब एक ही कक्षा में वर्ग एक से लेकर पांचवीं तक के बच्चे एक साथ कैसे पढ़ाई करेंगे. आजकल सरकार का फोकस पठन- पाठन से अधिक शिक्षकों की निगरानी करने में और रिपोर्टिंग कराने में अधिक है. इस व्यवस्था में शिक्षा का स्तर गिरना तय है.

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