मुजफ्फरपुर:मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ धाम को उत्तर बिहार का देवघर कहा जाता है, साथ ही गरीबनाथ बाबा को मुजफ्फरपुर का नगर देवता भी माना जाता है. मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर में शिवरात्रिके अवसर पर बाबा गरीबनाथ की भव्य और दिव्य बारात निकाली जाती है. जिसमें बाबा के भक्त पूरे नगर में बारात के साथ झूमते हुए घूमते हैं. यहां 54 साल से धूमधाम से महाशिवरात्रि पर शिव की बारात शोभायात्रा निकाली जा रही है.
1971 से निकल रही है बारात: शोभायात्रा के संयोजक पूर्व विधायक केदारनाथ प्रसाद ने बताया कि पहली बार 1971 में गोला रोड स्थित श्रीराम भजन सेवाश्रम में महाशिवरात्रि की तैयारी को लेकर बैठक हुई. इसमें शहर के सिर्फ 3 लोग ही थे. जिसमें बाबा गरीबनाथ मंदिर के तत्कालीन प्रधान पुजारी पं. विशेश्वर पाठक और उमाकांत गुप्ता उर्फ उमा भाई तंबू वाले और केदारनाथ प्रसाद शोभायात्रा निकालने के निर्णय के बाद आपसी सहयोग से कुल 700 रुपए जुटाए गए.
पहली बार 100 शिव भक्तों ने निकाली थी बारात: उन्होंने बताया कि फिर सवा सौ शिवभक्तों के साथ पहली बार भगवान शिव की बारात शोभायात्रा निकाली गई. उसमें महज 1 बैंड बाजा और 1 रथ शामिल था. उसके बाद सिलसिला चलता गया और कारवां बढ़ता गया. वे बताते हैं कि इतनी बड़ी व्यवस्था वे अकेले नहीं कर सकते ये सब भगवान शिव की कृपा से संभव हो पाता है.इस भव्य बारात शोभायात्रा में हजारों लोगों के साथ सैकड़ों की संख्या में रथ और बैंड बाजा रहते हैं.
रात को हुआ मड़वा मटकोर:बताते चलें कि महाशिवरात्रि को लेकर गुरुवार रात बाबा गरीबनाथ धाम समेत अन्य शिवालयों में भी भगवान शिव की मटकोर पूजा हुई. गरीबनाथ मंदिर में मटकोर पूजा के पूर्व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाबा को स्नान कराया गया. अभिषेक कर महाश्रृंगार किया गया. सामूहिक आरती की गई. महिलाएं मंगल गीत गाई.
उमड़े रहे श्रद्धालु: महाशिवरात्रि के दिन बाबा गरीबनाथ धाम समेत अन्य शिवालयों में भी बाबा के जलाभिषेक के लिए सुबह से ही श्रद्धालु उमड़ें रहे. दूध, जल, भांग, धतुरा, हल्दी, बेलपत्र के साथ-साथ फल भी बाबा को अर्पित किया. सुबह से करीब दो किमी तक भक्तों का तांता लगा रहा.