ETV Bharat / bharat

आखिर क्यों मचती है भगदड़ और कैसे मरते हैं लोग?.. जानें वैज्ञानिक कारण - Jehanabad Stampede

बिहार में फिर एक बार धार्मिक उत्सव मनाने पहुंचे लोग भगदड़ का शिकार हुए. बिहार के जहानाबाद में हुए हादसे में 7 लोगों ने अपनी जान गंवाई और कई लोग घायल हुए. इस हादसे में कई घरों के चिराग बुझ गए और पिछे छोड़ गए रोते-बिलखते परिवार. लेकिन सवाल ये कि बार-बार ऐसे हादसे क्यों होते हैं. आइये जानते हैं इन सवालों के जवाब.

Etv Bharat
सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में मची भगदड़ (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 12, 2024, 8:13 PM IST

पटना: बिहार के जहानाबाद में सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में मची भगदड़, उत्तर प्रदेश का हाथरस हादसा या फिर सबरीमाला मंदिर में भगदड़. इन सभी हादसों में एक बात समान है कि यहां भीड़ जमा हुई थी और लोगों ने अपनी जान गंवाई. लेकिन ऐसी घटनाएं बार-बार लौट कर पुराने हादसों के जख्म हरे कर देती हैं. बड़ा आयोजन, बड़ी भीड़ और बड़े हादसे. लेकिन सवाल यह है कि आखिर धार्मिक आयोजन में क्यों मचती है भगदड़ और कैसे मरते हैं लोग?

भीड़ में कैसे मरते हैं लोग? : अक्सर जब हादसे होते है, जांच रिपोर्ट सामने आती हैं तो प्रशासनिक गलती सामने आती है. आस्था, नाकाफी इंतजाम, कम जगह में ज्यादा श्रद्धालु और मौसम को दोषी ठहराया जाता है. लेकिन बिहार कई हादसों की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि जब भगदड़ मची तो लोग एक दूसरे पर गिरने लगे, लोग एक दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ते गए. रिपोर्ट में कई बार तो कहा गया कि ''अफरातफरी के बीच लोगों की मौत दम घुटने को लेकर हुई.''

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

क्या कहते हैं रिपोर्ट्स : साल 1989, इंग्लैंड का एक महानगरीय क्षेत्र शेफील्ड. यहां हिल्सबोरो फुटबॉल स्टेडियम में मैच के दौरान भगदड़ में 100 लोगों की जान चली गई. हादसे के बाद जांच टीम बैठी. रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए. रिपोर्ट में दर्ज लोगों के बयान के मुताबिक, ''लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ रही थी. उनका दम घुट रहा था. उन्हें लग रहा था कि वे अब नहीं बचेंगे, लेकिन खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे.''

आखिर क्यों मचती है भगदड़? : वैज्ञानिक पहलू को जानने से पहले साल 2003, शिकागो के नाइट क्लब में भगदड़ की घटना को याद कीजिए. दो पक्षों के बीच लड़ाई शुरू हुई. इस बीच सुरक्षाकर्मियों ने मिर्ची का स्प्रे छिड़क दिया. भगदड़ मची और 21 लोगों की मौत हो गई. साल 2022 इंजोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़ में 131 लोगों ने अपनी जान गंवाई. यहां मैच देख रहे लोगों को काबू करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस छोड़ा था.

भगदड़ की वैज्ञानिक वजह : अगर वैज्ञानिक पहलू की बात करें तो सिविल डिफेंस के चीफ वार्डे एसएन घनश्याम बताते हैं कि ज्यादातर फेलियर क्राउड मैनेजमेंट को काबू में नहीं कर पाने से होता है. जिनके द्वारा आयोजन कराया जा रहा है अगर भीड़ कितनी आएगी, स्थान विशेष पर कितना लोगों का दबाव होगा इसकी सटीक जानकारी और बेहतर इंतजाम हो तो हादसे को कंट्रोल किया जा सकता है. कई तरीके हैं जिन्हें अपनाकर भीड़ काबू में की जा सकती है.

''क्राउड मैनेजमेंट को लेकर पहले से तैयारी करनी होती है. जिनके द्वारा क्राउड लाई जा रही है उन्हें पहले यह अंदाजा लगा लेना होता है कि क्राउड कितनी आने वाली है. उसको लेकर तैयारी करनी होती है. लोग क्यू में जाएं, शोर ना करें. जो सुरक्षाकर्मी हैं वह अनुशासित तरीके से रहें. क्योंकि हर क्राउड की एक अपनी प्रकृति होती है. उसी के मुताबिक क्राउड को मैनेज किया जाता है. ज्यादातर अफरा तफरी अफवाहों की वजह से होती है. इसमें भीड़ जुटाने वाले लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत होती है.'' - एस एन श्याम, चीफ वार्डन, सिविल डिफेंड

भगदड़ के मुख्य कारण : एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 से लेकर 2019 के बीच देश दुनिया में भगदड़ की बड़ी घटनाएं हुए उनमें करीब 79 फीसदी मामले धार्मिक आयोजन के दौरान हुए थे. एक्सपर्ट की माने तो धार्मिक आयोजन में हादसों की कई वजह हो सकती है. रिपोर्ट के अध्ययन के अनुसार भारत में धार्मिक आयोजनों में भगदड़ के प्रमुख कारणों में भौगोलिक स्थान का विशेष महत्व है. भगदड़ की वजह पहाड़ी क्षेत्रों जैसे ढाल, दलदली इलाका, कीचड़ युक्त मैदान, खड़ी ढलान और बारिश से बचाव के इंतजाम न होने के चलते होता है. जबकि विदेशों में म्यूजिक कंसर्ट, स्टेडियम और नाइट क्लबों में होता है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

भगदड़ को रोकने के उपाय : इन हादसों को रोका जा सकता है. अगर क्राउड मैनेजमेंट को कंट्रोल कर लें. भीड़ को दबाव को लाइन में लगाकर कम कर लें. भगदड़ की स्थिति में वैकल्पिक मार्ग का इंतजाम रखें और वीवीआईपी मेहमानों के लिए सही तरीके से आगमन का इंतजाम रखें. बैरिकेड लगाकर, स्नेक लाइन एप्रोच बनाकर भीड़ को काबू में किया जा सकता है. ये वो तरीके हैं जिन्हें अपनाकर भगदड़ के प्रभाव को न्यूट्रल किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें

पटना: बिहार के जहानाबाद में सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में मची भगदड़, उत्तर प्रदेश का हाथरस हादसा या फिर सबरीमाला मंदिर में भगदड़. इन सभी हादसों में एक बात समान है कि यहां भीड़ जमा हुई थी और लोगों ने अपनी जान गंवाई. लेकिन ऐसी घटनाएं बार-बार लौट कर पुराने हादसों के जख्म हरे कर देती हैं. बड़ा आयोजन, बड़ी भीड़ और बड़े हादसे. लेकिन सवाल यह है कि आखिर धार्मिक आयोजन में क्यों मचती है भगदड़ और कैसे मरते हैं लोग?

भीड़ में कैसे मरते हैं लोग? : अक्सर जब हादसे होते है, जांच रिपोर्ट सामने आती हैं तो प्रशासनिक गलती सामने आती है. आस्था, नाकाफी इंतजाम, कम जगह में ज्यादा श्रद्धालु और मौसम को दोषी ठहराया जाता है. लेकिन बिहार कई हादसों की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि जब भगदड़ मची तो लोग एक दूसरे पर गिरने लगे, लोग एक दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ते गए. रिपोर्ट में कई बार तो कहा गया कि ''अफरातफरी के बीच लोगों की मौत दम घुटने को लेकर हुई.''

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

क्या कहते हैं रिपोर्ट्स : साल 1989, इंग्लैंड का एक महानगरीय क्षेत्र शेफील्ड. यहां हिल्सबोरो फुटबॉल स्टेडियम में मैच के दौरान भगदड़ में 100 लोगों की जान चली गई. हादसे के बाद जांच टीम बैठी. रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए. रिपोर्ट में दर्ज लोगों के बयान के मुताबिक, ''लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ रही थी. उनका दम घुट रहा था. उन्हें लग रहा था कि वे अब नहीं बचेंगे, लेकिन खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे.''

आखिर क्यों मचती है भगदड़? : वैज्ञानिक पहलू को जानने से पहले साल 2003, शिकागो के नाइट क्लब में भगदड़ की घटना को याद कीजिए. दो पक्षों के बीच लड़ाई शुरू हुई. इस बीच सुरक्षाकर्मियों ने मिर्ची का स्प्रे छिड़क दिया. भगदड़ मची और 21 लोगों की मौत हो गई. साल 2022 इंजोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़ में 131 लोगों ने अपनी जान गंवाई. यहां मैच देख रहे लोगों को काबू करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस छोड़ा था.

भगदड़ की वैज्ञानिक वजह : अगर वैज्ञानिक पहलू की बात करें तो सिविल डिफेंस के चीफ वार्डे एसएन घनश्याम बताते हैं कि ज्यादातर फेलियर क्राउड मैनेजमेंट को काबू में नहीं कर पाने से होता है. जिनके द्वारा आयोजन कराया जा रहा है अगर भीड़ कितनी आएगी, स्थान विशेष पर कितना लोगों का दबाव होगा इसकी सटीक जानकारी और बेहतर इंतजाम हो तो हादसे को कंट्रोल किया जा सकता है. कई तरीके हैं जिन्हें अपनाकर भीड़ काबू में की जा सकती है.

''क्राउड मैनेजमेंट को लेकर पहले से तैयारी करनी होती है. जिनके द्वारा क्राउड लाई जा रही है उन्हें पहले यह अंदाजा लगा लेना होता है कि क्राउड कितनी आने वाली है. उसको लेकर तैयारी करनी होती है. लोग क्यू में जाएं, शोर ना करें. जो सुरक्षाकर्मी हैं वह अनुशासित तरीके से रहें. क्योंकि हर क्राउड की एक अपनी प्रकृति होती है. उसी के मुताबिक क्राउड को मैनेज किया जाता है. ज्यादातर अफरा तफरी अफवाहों की वजह से होती है. इसमें भीड़ जुटाने वाले लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत होती है.'' - एस एन श्याम, चीफ वार्डन, सिविल डिफेंड

भगदड़ के मुख्य कारण : एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 से लेकर 2019 के बीच देश दुनिया में भगदड़ की बड़ी घटनाएं हुए उनमें करीब 79 फीसदी मामले धार्मिक आयोजन के दौरान हुए थे. एक्सपर्ट की माने तो धार्मिक आयोजन में हादसों की कई वजह हो सकती है. रिपोर्ट के अध्ययन के अनुसार भारत में धार्मिक आयोजनों में भगदड़ के प्रमुख कारणों में भौगोलिक स्थान का विशेष महत्व है. भगदड़ की वजह पहाड़ी क्षेत्रों जैसे ढाल, दलदली इलाका, कीचड़ युक्त मैदान, खड़ी ढलान और बारिश से बचाव के इंतजाम न होने के चलते होता है. जबकि विदेशों में म्यूजिक कंसर्ट, स्टेडियम और नाइट क्लबों में होता है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

भगदड़ को रोकने के उपाय : इन हादसों को रोका जा सकता है. अगर क्राउड मैनेजमेंट को कंट्रोल कर लें. भीड़ को दबाव को लाइन में लगाकर कम कर लें. भगदड़ की स्थिति में वैकल्पिक मार्ग का इंतजाम रखें और वीवीआईपी मेहमानों के लिए सही तरीके से आगमन का इंतजाम रखें. बैरिकेड लगाकर, स्नेक लाइन एप्रोच बनाकर भीड़ को काबू में किया जा सकता है. ये वो तरीके हैं जिन्हें अपनाकर भगदड़ के प्रभाव को न्यूट्रल किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.