शहडोल (अखिलेश शुक्ला): दिसंबर का महीना चल रहा है और रबी सीजन की खेती भी शुरू हो गई है. ज्यादातर किसानों ने अपने खेतों की बुवाई कर दी है. कुछ किसान ऐसे हैं, जो बहुत पीछे खेती करते हैं. उनकी बुवाई थोड़ी बहुत बाकी थी, वो चल रही है. ऐसे में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचने के लिए किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं, जो की बहुत ही कम प्रीमियम में होता है. रबी सीजन के फसलों के बीमा के लिए अब कुछ ही दिन शेष हैं.
कब तक है आखिरी तारीख
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत रबी फसलों के लिए बीमा पंजीकरण की शुरुआत कब से हो चुकी है. रबी सीजन 2024-25 की फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि भी बहुत नजदीक आ चुकी है. 31 दिसंबर 2024 इसकी आखिरी तारीख है, जो भी किसान इस तारीख तक फसलों का बीमा कराना चाहते हैं वो बीमा करवा सकते हैं. रबी मौसम के सभी अनाज, दलहन, तिलहन फसलों के लिए जो बीमी की राशि है उसका मात्र अधिकतम 1.5% प्रीमियम ही किसानों को देना होगा, शेष 18.5 प्रतिशत प्रीमियम राज्य और केंद्र सरकार वहन करेगी.
शहडोल में रबी फसल की बुवाई लगभग हो चुकी है (ETV Bharat) कौन सी फसल, कैसे कराएं बीमा?
कृषि विभाग के उप संचालक आरपी झरिया बताते हैं कि "रबी फसलों का बीमा प्रारंभ हो गया है, जो भी किसान अपनी रबी सीजन की फसलों का बीमा करवाना चाहते हैं, वो सेवा सहकारी समिति, एमपी ऑनलाइन और राष्ट्रीयकृत बैंक में जाकर अपनी सुविधा के अनुसार फसलों का बीमा करवा सकते हैं. शहडोल जिले के लिए गेहूं संचित (ऐसी कृषि भूमि जिसे कृत्रिम तरीकों से पानी मिलता है), गेहूं असिंचित, चना, अलसी, और सरसों ये फसलें सूचीबद्ध की गई हैं. इन फसलों का बीमा यहां के किसान करवा सकते हैं."
31 दिसंबर तक किसान फसल का करवा सकते हैं बीमा (ETV Bharat) कितना प्रीमियम देना होगा?
उप संचालक आरपी झरिया ने बताया, "जो भी किसान अपनी फसलों का बीमा करवाना चाहते हैं. उन्हें बहुत ही नॉमिनल प्रीमियम देना पड़ेगा, जैसे गेहूं सिंचित के लिए जो प्रीमियम तय किया गया है, वो 495 रुपए प्रति हेक्टेयर है. गेहूं असिंचित के लिए 390 रुपए प्रति हेक्टेयर है. चना के लिए 352.5 रुपए और अलसी के लिए 300 रुपए प्रति हेक्टेयर तय किया गया है. जबकि सरसों की फसल के लिए 306 रुपए प्रति हेक्टेयर प्रीमियम तय किया गया है. बीमा करवाने पर यह राशि किसानों को देनी होंगी."
रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी (ETV Bharat) कौन-कौन से डाक्यूमेंट्स की जरूरत?
कृषि विभाग अधिकारी आरपी झरिया ने बताया कि "फसल का बीमा करवाने वाले किसानों को आधार कार्ड, बैंक पासबुक और जमीन से जुड़े कागज जैसे ऋण पुस्तिका, नक्शा खसरा, इसके अलावा बुवाई प्रमाण पत्र की एक प्रति जो की कृषि विस्तार अधिकारी सरपंच सचिव द्वारा सत्यापित हो, मोबाइल नंबर यह सब लेकर के किसी भी एमपी ऑनलाइन सेंटर, सेवा सहकारी समिति या किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में जाकर के बीमा करवा सकते हैं."