नकली कीटनाशक कहीं फसल न कर दे बर्बाद, किसान भाई ऐसे करें असली और नकली की पहचान
How to check pesticide is original or fake : किसानों के लिए नकली खाद नकली बीज के बाद अब नकली कीटनाशक एक बड़ी समस्या बन गई है. ऐसे में कीटनाशक खरीदते समय कुछ सावधानी बरती जाए, तो नकली कीटनाशक से बचा जा सकता है.
शहडोल. खेती किसानी में जैसे-जैसे आधुनिकता आ रही है किसानों को फसलों में मुनाफा तो हो रहा है लेकिन कई जगहों पर उनकी मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है. नकली खाद, नकली बीज की समस्याओं से तो किसान जूझ ही रहा है, और अब नकली कीटनाशक भी किसान के लिए एक बड़ी मुसीबत बन चुका है, ऐसे में कीटनाशक खरीदते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, असली और नकली कीटनाशक (real or fake pesticide) की कैसे पहचान करें, जानिए कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बृज किशोर प्रजापति से.
किसानों के लिए नकली कीटनाशक एक बड़ी समस्या बन गई है.
नकली कीटनाशक किसानों की मुसीबत
आजकल खेती किसानी की ओर लोगों का रुझान लगातार बढ़ता ही जा रहा है, पढ़ा लिखा वर्ग भी अब खेती किसानी की ओर आ रहा है, तो वहीं ग्रामीण किसान भी खेती किसानी में आधुनिक हो रहे हैं. हाइब्रिड बीज का दौर चल रहा है, तरह-तरह के रासायनिक खाद भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं, लगातार फसलों का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में फसल को ज्यादा नुकसान न हो, इसके लिए तरह-तरह के कीटनाशकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन किसानों के लिए नकली खाद नकली बीज के बाद अब नकली कीटनाशक एक बड़ी मुसीबत बन गए हैं. ऐसे में कीटनाशक खरीदते समय कुछ सावधानी बरती जाए, तो नकली कीटनाशक से बचा जा सकता है.
जैविक कीटनाशकों का भी करें इस्तेमाल
कृषि वैज्ञानिक बीके प्रजापति कहते हैं कि शहडोल जिला जैविक जिला है, और यहां पर किसानों के द्वारा पारंपरिक खेती अभी की जाती है, ऐसे में किसान कीटनाशकों का निर्माण घर पर ही कर सकते हैं, जो जैविक भी होगा और फसल और मिट्टी भी सुरक्षित रहेगी. इसका मुख्य उद्देश्य होता है कीटों का नियंत्रण करना, जैसे आप ब्रह्मास्त्र, निमास्त्र, अग्नियास्त्र जैसे जैविक कीटनाशकों का उपयोग कर सकते हैं. इसके अलावा स्टिकी ट्रैप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. येलो स्टिकी ट्रैप या की फिर रंग-बिरंगे स्टिकी ट्रैप का इस्तेमाल कर सकते हैं, इन माध्यमों का उपयोग करके भी कीटों का नियंत्रण कर सकते हैं और पूरे जैविक तरीके से.
किसान जैविक कीटनाशकों के इस्तेमाल से भी फसल का बचाव कर सकते हैं.
जो किसान रासायनिक कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं, ऐसे किसानों को कीटनाशक खरीदते समय इन बातों का ख्याल रखना चाहिए.
जब भी कोई कीटनाशक खरीदें तो ये सुनिश्चित कर लें कि कृषि विभाग ने जिन दुकानों को लाइसेंस दिया है, जिनका रजिस्ट्रेशन हुआ है, केवल उन्हीं दुकानों से माल लें.
खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि जो भी कीटनाशक का पैकेट है, बोतल है, उसमें जो स्टिकर लगा हुआ है, उसमें अंग्रेजी-हिंदी विभिन्न भाषाओं में यह स्पष्ट लिखा हो कि इस दवाई के इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखना होगा. उसमें कितने सक्रिय तत्व उपलब्ध हैं और उन सभी का वर्णन इसमें पूर्ण रूपेण होता है.
इसके अलावा कीटनाशक एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी (EPA) द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए, उसमें पंजीकरण संख्या शामिल हो.
कीटनाशक के डब्बे में विभिन्न प्रकार के लेबल लगे होते हैं जैसे- दवा का निर्माण कब किया गया है, इस दवा की एक्सपायरी डेट कब है, इस दवा की बैच संख्या क्या है. ये सभी चीजें ध्यान से देखें.
इसके अलावा जो कीटनाशक की बोतल अथवा पैकेट है, उसकी सील को अच्छी तरह से देखें, कहीं व टूटी, कटी-फटी या उसमें कोई लीकेज तो नहीं.
इस बात का विशेष ख्याल रखें कि जब भी कीटनाशक खरीदें तो दुकानदार से एक पक्का बिल निश्चित तौर पर बनवा लें, जिससे आपको ये फायदा होगा कि जब कभी कोई दुकानदार डुप्लीकेट कीटनाशक देता है और उससे आपकी फसल का नुकसान होता है तो आप उसपर एक्शन ले सकते हैं. इसके लिए आप कृषि विभाग या उपभोक्ता फोरम में बिल के माध्यम से अपनी बातों को आप रख सकते हैं.