शहडोल. बेमौसम बरसात ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है, जिस तरह से बीते रविवार से ही जिले में बारिश का दौर शुरू हुआ है और सोमवार को जिस तरह से ओलावृष्टि हुई है, उसने किसानों का हाल बेहाल कर दिया है, जिले में कुछ गांव ऐसे हैं जहां अत्यधिक ओलावृष्टि हुई है. कई इलाकों में छोटी गेंद के आकार के ओले गिरने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में अब किसान परेशान हैं और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. किसानों का हाल जानने के लिए ईटीवी भारत किसानों के पाक पहुंचा और जाना उनका दर्द.
80 से 90 फीसदी फसल बर्बाद
साल की शुरुआत से मध्यप्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को परेशान कर रखा है. फरवरी में भी अधिकांश जिलों में बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया था. वहीं अब मार्च में भी ऐसे ही हालात बनने से फसलें 80 से 90 फीसदी तक खराब हो गई हैं. शहडोल जिले में बीते सोमवार से बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी रहा, जिसमें से कुछ स्थानों पर ज्यादा ओले गिरने से तैयार फसलें चौपट हो गईं. जब ईटीवी भारत किसानों के पास पहुंचा तो उन्होंने बताया कि फसल पूरी तरह से पककर तैयार थी और कटाई का जब समय आया तो ओले पड़ने से सब चौपट हो गया.
ये फसलें हुईं चौपट
ईटीवी भारत जब जिले के मजगवां गांव में पहुंचा तो वहां किसानों ने बताया कि कुछ किसानों ने गेहूं, सब्जियां, चना और मसूर की खेती की थी. ये सभी पककर तैयार थे और कटाई की तैयारी चल रही थी. लेकिन जिस तरह से मौसम के हालात बिगड़ रहे थे उसने न तो फसल काटने का मौका दिया और न ही किसानों को संभलने का. किसानों को इससे जमकर नुकसान हुआ है और वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
इन गांवों में भारी ओलावृष्टि
वैसे तो सोमवार को जिले के अधिकांश गांवों में ओलावृष्टि हुई थी, लेकिन फसल को नुकसान पहुंचाने वाली ओलावृष्टि कुछ की गांवों में हुई है. इसमें लमरो, मजगवां, बीहर, बंधवा बड़ा, जुगवारी में भारी ओलावृष्टि दर्ज की गई है. जहां रबी सीजन की खेती काफी बड़े तादात में की जाती है.