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भारत का इकलौता मंदिर, जहां मूर्ति रूप में विराजमान हैं ज्वाला देवी, कोई खाली हाथ नहीं लौटता - JWALA DEVI TEMPLE AMANGANJ

पन्ना के अमानगंज में मां ज्वाला देवी का अनोखा मंदिर है, यहां मां मूर्ति रूप में विराजमान हैं. दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं.

JWALA DEVI TEMPLE AMANGANJ
पन्ना में मां ज्वाला देवी का मंदिर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 13, 2025, 9:57 AM IST

पन्ना: जिले के अमानगंज में स्थित मां ज्वाला देवी का मंदिर भारत का पहला मंदिर है जहां ज्वाला देवी मूर्ति के रूप में विराजमान हैं. यहां पर मां ज्वाला माता, माँ कालका के साथ बैठी हुई हैं. मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है. यह मंदिर मां ज्वाला शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है. दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने आते हैं. जो सच्चे मन से मनोकामना मांगता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.

मूर्ति रूप में विराजमान हैं ज्वाला देवी
मंदिर के पुजारी रानू माली बताते हैं कि, ''उनकी पांचवीं पीढ़ी मंदिर में पूजा करती आ रही है. पहले उनके परदादा, दादाजी, फिर पिताजी और अब वह पूजा कर रहे हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह मंदिर तत्कालीन महाराज मानसिंह द्वारा बनवाया गया था. इसी के नाम पर अमानगंज तहसील का नाम पड़ा. यह मंदिर अमानगंज कस्बे में स्थित है और मूर्ति रूप में ज्वाला देवी का मंदिर भारत में सिर्फ एक ही है.''

ज्वाला देवी का मूर्ति रूप में मंदिर (ETV Bharat)

आगे पुजारी बताते हैं कि, ''हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मां ज्वाला देवी का मंदिर ज्वाला के रूप में प्रज्वलित होता है. लेकिन पन्ना के मंदिर में ज्वाला माता मूर्ति रूप में स्थापित हैं. यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.''

JWALA MATA IN IDOL FORM IN PANNA
ज्वाला देवी का अनोखा मंदिर (ETV Bharat)

रामनवमी को लगता है बड़ा मेला
पन्ना जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर अमानगंज तहसील के कस्बे में स्थित मां ज्वाला देवी का मूर्ति रूप में भारत का पहला मंदिर है, जो अपने आप में प्रसिद्ध है. मंदिर ज्वाला मां शक्तिपीठ के नाम से विख्यात है. यहां पर मां ज्वाला देवी के साथ मां कालका देवी भी बैठी हैं. यहां राम दुर्गा अष्टमी एवं रामनवमी के अवसर पर मेले का आयोजन होता है, जहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और सच्चे मन से जो मनोकामना मांगता है मां उसकी मुराद पूरी करती है.

पन्ना: जिले के अमानगंज में स्थित मां ज्वाला देवी का मंदिर भारत का पहला मंदिर है जहां ज्वाला देवी मूर्ति के रूप में विराजमान हैं. यहां पर मां ज्वाला माता, माँ कालका के साथ बैठी हुई हैं. मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है. यह मंदिर मां ज्वाला शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है. दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने आते हैं. जो सच्चे मन से मनोकामना मांगता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.

मूर्ति रूप में विराजमान हैं ज्वाला देवी
मंदिर के पुजारी रानू माली बताते हैं कि, ''उनकी पांचवीं पीढ़ी मंदिर में पूजा करती आ रही है. पहले उनके परदादा, दादाजी, फिर पिताजी और अब वह पूजा कर रहे हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह मंदिर तत्कालीन महाराज मानसिंह द्वारा बनवाया गया था. इसी के नाम पर अमानगंज तहसील का नाम पड़ा. यह मंदिर अमानगंज कस्बे में स्थित है और मूर्ति रूप में ज्वाला देवी का मंदिर भारत में सिर्फ एक ही है.''

ज्वाला देवी का मूर्ति रूप में मंदिर (ETV Bharat)

आगे पुजारी बताते हैं कि, ''हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मां ज्वाला देवी का मंदिर ज्वाला के रूप में प्रज्वलित होता है. लेकिन पन्ना के मंदिर में ज्वाला माता मूर्ति रूप में स्थापित हैं. यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.''

JWALA MATA IN IDOL FORM IN PANNA
ज्वाला देवी का अनोखा मंदिर (ETV Bharat)

रामनवमी को लगता है बड़ा मेला
पन्ना जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर अमानगंज तहसील के कस्बे में स्थित मां ज्वाला देवी का मूर्ति रूप में भारत का पहला मंदिर है, जो अपने आप में प्रसिद्ध है. मंदिर ज्वाला मां शक्तिपीठ के नाम से विख्यात है. यहां पर मां ज्वाला देवी के साथ मां कालका देवी भी बैठी हैं. यहां राम दुर्गा अष्टमी एवं रामनवमी के अवसर पर मेले का आयोजन होता है, जहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और सच्चे मन से जो मनोकामना मांगता है मां उसकी मुराद पूरी करती है.

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