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हिमाचल में गायों के गर्भाधान के लिए बढ़ी इस टीके की मांग, 1250 रुपये के इंजेक्शन में क्या है खास बात?

हिमाचल के पशुपालकों में गायों में गर्भाधान के लिए सेक्सड सीमन स्ट्रॉ टीके की डिमांड ज्यादा है. जिससे बछड़ियां होने की संभावना बढ़ जाती है.

Sexed Semen Straw Injection for Cow
बछड़ियों के लिए सेक्सड सीमन स्ट्रॉ टीका (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 2 hours ago

मंडी: हिमाचल प्रदेश में बड़ी तादाद में आबादी लोग कृषि संबंधी कार्यों से जुड़े हुए हैं. मगर आधुनिकता के इस दौर में बैलों के जरिए खेतों को जोतने का प्रचलन खत्म हो चुका है. ऐसे में पशुपालक भी अब उस टेक्नीक की तरफ बढ़ रहे हैं, जिससे उनकी गाय गर्भाधान के बाद बछड़े की जगह सिर्फ बछड़ी को ही जन्म दे. पशुपालकों की इसी मांग को ध्यान में रखते हुए अब पशुपालन विभाग के जरिए उन्हें सेक्सड सीमन स्ट्रॉ का टीका मुहैया करवाया जा रहा है. हालांकि इस टीके को लगाने पर गायों में गर्भाधान की संभावना कम रहती है, लेकिन गर्भाधान हो जाने पर 90 फीसदी संभावना बछड़ी पैदा होने की ही रहती है. जिसके प्रमाण नेशनल और इंटरनेशनल आंकड़े देते हैं.

मंडी में बछड़ियों की चाह में बढ़ रही सेक्सड सीमन स्ट्रॉ टीके की मांग (ETV Bharat)

पशुपालकों में बढ़ी इस टीके की डिमांड

मंडी जिला पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. अतुल पुरी ने बताया, "अब पशुपालकों को उनकी डिमांड के हिसाब से सेक्सड सीमन स्ट्रॉ का टीका मुहैया करवाया जा रहा है. मंडी जिले को सेक्सड सीमन स्ट्रॉ के 7 हजार टीके प्राप्त हुए हैं. जिनमें से 5 हजार टीके फील्ड में भेजे जा चुके हैं. इसमें से 3 हजार टीके गायों को लगाए भी जा चुके हैं. इनमें से 224 मामलों में ही गर्भाधान हुआ है. जिसमें से सिर्फ 18 बछड़े और बाकी बछड़ियां पैदा हुई हैं. इन टीकों में गर्भाधान की संभावना काफी कम रहती है. मंडी जिले में अभी तक गर्भाधान के 23 प्रतिशत मामले ही सामने आए हैं."

गायों में गर्भाधान के लिए सेक्सड सीमन स्ट्रॉ टीके की डिमांड (ETV Bharat)

सेक्सड सीमन स्ट्रॉ टीके की कीमत

डॉ. अतुल पुरी ने बताया कि इस टीके की कीमत 1250 रुपए है. प्रदेश सरकार इसे 1250 रुपए में खरीदती है, लेकिन पशुपालकों को यह टीका मात्र 125 रुपए में मुहैया करवाया जा रहा है. इसमें केंद्र और प्रदेश सरकारों की सब्सिडी मिलाने के बाद इसके दाम आम पशुपालकों के लिए तय किए गए हैं. उन्होंने बताया कि जागरूक पशुपालक इस टीके की तरफ अधिक अग्रसर हो रहे हैं. मंडी जिले में 500 और टीकों की डिमांड भेजी जा चुकी है. जबकि 500 टीकों की और डिमांड भेजी जा रही है. ये टीके सिर्फ वेटरनरी अस्पताल में ही उपलब्ध हैं, क्योंकि इन्हें डॉक्टर या फिर स्पेशलिस्ट फार्मासिस्ट द्वारा ही लगाया जाता है. ज्यादातर टीके जर्सी गाय की नस्ल के ही हैं, क्योंकि पशुपालकों द्वारा इसी की डिमांड ज्यादा की जाती है. इसके अलावा साहिवाल और एचएफ नस्ल के टीके भी विभाग के पास उपलब्ध हैं.

बेसहारा पशुओं से मिल सकती है निजात!

गौरतलब है कि मौजूदा समय में सड़कों पर जो बेसहारा पशु नजर आते हैं, उनमें 70 से 80 प्रतिशत संख्या बैलों की ही होती है, क्योंकि लोगों ने अब बैलों को पालना बंद कर दिया है. जिस कारण उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया जाता है, लेकिन जिस तरह से पशुपालक अब सिर्फ बछड़ियों वाला टीका ही लगा रहे हैं तो उससे भविष्य में बेसहारा पशुओं की संख्या में भी कमी आने की उम्मीद है.

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