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कुल्लू में आगजनी से करोड़ों का नुकसान, 70 हेक्टेयर वन भूमि प्रभावित

जिला कुल्लू में जंगल की आग से वन विभाग को करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है. जिसकी चपेट में 70 हेक्टेयर वन भूमि आई है.

Kullu Forest Fire
कुल्लू में जंगल की आग (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 1 hours ago

Updated : 1 hours ago

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से बारिश नहीं हो रही है. जिला कुल्लू में भी सूखे के चलते किसानों और बागवानों की परेशानियां बढ़ गई हैं. वहीं, वन विभाग को भी जंगल की आग के चलते करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. करीब डेढ़ माह में 60 से ज्यादा आगजनी के मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें 70 हेक्टेयर वन भूमि भी आग की चपेट में आई है. हालांकि वन विभाग द्वारा आग लगाने वाले अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है.

एंजल चौहान, DFO, वन विभाग कुल्लू (ETV Bharat)

सर्दियों में भी आग का कहर

गौरतलब है कि जिला कुल्लू में सर्दियों के मौसम में भी जंगलों में आग लगने के मामले सामने आते रहे हैं. मलाणा के साथ लगते इलाके में भी जंगल की आग की आग के चलते ढाई मंजिल मकान जल का राख हो गया था. इसके अलावा विभिन्न इलाकों में जंगल की आग के चलते सेब के बगीचे भी जल कर नष्ट हुए हैं और लोगों की खेती भी इससे प्रभावित हो रही है. ऐसे में अब वन विभाग के द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों की भी मदद की जा रही है, ताकि जंगल में आग लगने वाले आरोपियों पर कार्रवाई की जा सके और करोड़ों रुपए की वन संपदा को जलने से बचाया जा सके.

वन विभाग कुल्लू के डीएफओ एंजल चौहान ने बताया, "सर्दियों के मौसम में जिला कुल्लू में आगजनी के मामले सामने आते हैं. ऐसे में 45 हेक्टेयर भूमि पर वन विभाग के द्वारा पौधारोपण किया गया था. वह पूरी तरह से नष्ट हो गई है और 25 हेक्टेयर वन भूमि भी इसे प्रभावित हुई है. पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों से भी आग्रह है कि अगर कोई इस तरह की हरकत करता हुआ पाया जाता है, तो तुरंत वन विभाग या फिर पुलिस को सूचित करें, ताकि वन संपदा को बचाया जा सके."

ये भी पढ़ें: हिमाचल की शांत वादियों में बसने की चाह, 2 सालों में धारा 118 के तहत 736 मामले मंजूर

ये भी पढ़ें: 8 साल बाद हिमाचल में नवंबर माह में सूखे की स्थिति, बारिश को लेकर मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से बारिश नहीं हो रही है. जिला कुल्लू में भी सूखे के चलते किसानों और बागवानों की परेशानियां बढ़ गई हैं. वहीं, वन विभाग को भी जंगल की आग के चलते करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. करीब डेढ़ माह में 60 से ज्यादा आगजनी के मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें 70 हेक्टेयर वन भूमि भी आग की चपेट में आई है. हालांकि वन विभाग द्वारा आग लगाने वाले अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है.

एंजल चौहान, DFO, वन विभाग कुल्लू (ETV Bharat)

सर्दियों में भी आग का कहर

गौरतलब है कि जिला कुल्लू में सर्दियों के मौसम में भी जंगलों में आग लगने के मामले सामने आते रहे हैं. मलाणा के साथ लगते इलाके में भी जंगल की आग की आग के चलते ढाई मंजिल मकान जल का राख हो गया था. इसके अलावा विभिन्न इलाकों में जंगल की आग के चलते सेब के बगीचे भी जल कर नष्ट हुए हैं और लोगों की खेती भी इससे प्रभावित हो रही है. ऐसे में अब वन विभाग के द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों की भी मदद की जा रही है, ताकि जंगल में आग लगने वाले आरोपियों पर कार्रवाई की जा सके और करोड़ों रुपए की वन संपदा को जलने से बचाया जा सके.

वन विभाग कुल्लू के डीएफओ एंजल चौहान ने बताया, "सर्दियों के मौसम में जिला कुल्लू में आगजनी के मामले सामने आते हैं. ऐसे में 45 हेक्टेयर भूमि पर वन विभाग के द्वारा पौधारोपण किया गया था. वह पूरी तरह से नष्ट हो गई है और 25 हेक्टेयर वन भूमि भी इसे प्रभावित हुई है. पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों से भी आग्रह है कि अगर कोई इस तरह की हरकत करता हुआ पाया जाता है, तो तुरंत वन विभाग या फिर पुलिस को सूचित करें, ताकि वन संपदा को बचाया जा सके."

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