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हिमाचल में जितने पटवार सर्कल में भूमि, उतनी जगह करानी होगी जमीन की E-KYC, जानें क्यों है जरूरी? - HIMACHAL LAND E KYC

हिमाचल प्रदेश में राजस्व विभाग ने सरकारी रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए जमीन की ई केवाईसी करवाई जा रही है.

Himachal Pradesh Revenue Department
हिमाचल प्रदेश राजस्व विभाग (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 21, 2025, 10:39 AM IST

Updated : Feb 21, 2025, 11:06 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में राजस्व विभाग ने सरकारी रिकॉर्ड अपडेट करने और भविष्य में किसी तरह के भूमि विवादों से बचने के लिए जमीन की ई केवाईसी की प्रक्रिया शुरू की है. जिसके तहत भूमि मालिकों के आधार नंबर को जमीन से लिंक किया जा रहा है. पिछले कुछ महीनों से हिमाचल के सभी जिलों में ये कार्य चल रहा है, लेकिन भूमि मालिकों को इस बात की जानकारी होना जरूरी है. प्रदेश भर में जितने पटवार सर्कलों के तहत उनकी जमीन पड़ती है, भूमि मालिक को सभी जगहों पर जमीन की ई केवाईसी करनी जरूरी है. तभी उसकी जमीन का पूरा रिकॉर्ड अपडेट होगा. प्रदेश के बहुत से भूमि मालिकों को इस बात की जानकारी नहीं है. इसलिए कई भूमि मालिकों ने एक ही पटवार सर्कल के तहत अपनी जमीन की ई केवाईसी की है. ऐसे में इन भूमि मालिकों को प्रदेश भर में जिले के किसी भी पटवार सर्कल के तहत पड़ने वाली जमीन की ई केवाईसी कराना अनिवार्य है.

E-KYC फॉर्मेट में बड़ा बदलाव

राजस्व विभाग ने जमीनों की ई-केवाईसी प्रक्रिया के फॉर्मेट में भी बड़ा बदलाव किया है. जिसके तहत जमाबंदी में दर्ज भूमि के खाते के बजाय अब हर भूमि मालिक को अपनी ई-केवाईसी करवानी होगी. प्रदेश में पहले यह प्रक्रिया भूमि खातों के आधार पर हो रही थी. जिसमें एक ही व्यक्ति के ई-केवाईसी होने पर खाते में दर्ज हर जमीन के शेयर होल्डर को सत्यापित माना जा रहा था. जिससे खाते में दर्ज अन्य जमीन मालिकों की ई-केवाईसी अधूरी रह जाती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस कमी को दूर करने के लिए खाते में दर्ज सभी भूमि मालिकों की ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है. बता दें कि राज्य में डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के तहत ये काम किया जा रहा है. जिसमें मालिकों के आधार कार्ड को जमीन से लिंक किया जा रहा है, लेकिन खातों के आधार पर ई-केवाईसी होने से इसमें कई विसंगतियां पाई गईं. जिसके बाद इस प्रक्रिया में बदलाव के निर्देश दिए गए हैं. जिससे अब हर भूमि मालिक की पहचान और सत्यापन किया जा सकेगा.

राजस्व विभाग की निदेशक रितिका का कहना है, "हिमाचल प्रदेश में सरकारी रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए जमीन की ई केवाईसी की प्रक्रिया जारी है. भूमि मालिक को हर पटवार सर्कल के तहत अपनी जमीन की ई केवाईसी करानी होगी. भूमि मालिक जल्द से जल्द जमीन की ई केवाईसी करवाएं, ताकि भविष्य में किसी भी तरह से भूमि संबंधित विवादों से बचा जा सके."

एक क्लिक में मिलेगा जमीन का पूरा रिकॉर्ड

हिमाचल में किस भूमि मालिक के पास कितनी लैंड होल्डिंग है. इसका पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. प्रदेश में बहुत से लोगों की कई जिलों में जमीन है. जिस कारण विभाग के पास इसका पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, लेकिन ई केवाईसी होने से विभाग के पास लोगों की जमीन का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होगा. जो एक ही क्लिक पर सामने आ जाएगा. इससे भूमि मालिकों को भी एक ही जगह पूरी जमीन का रिकॉर्ड उपलब्ध होने से आसानी होगी. भूमि मालिकों को जमीन से संबंधित रिकॉर्ड लेने के लिए हर पटवार सर्कल में जाने की परेशानी से भी छुटकारा मिल जाएगा. ऐसे में आने वाले समय में जमीन का पूरा रिकॉर्ड सेनेटाइज होने जा रहा है. यही नहीं आधार से जमीन लिंक होने के कारण भूमि से संबंधित विवादों से भी बचा जा सकता है. वहीं, रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन होने के समय पहचान करने वाले व्यक्ति की भी आवश्यकता नहीं रहेगी. ई केवाईसी से जमीन से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों से भी बचा जा सकता है.

प्रदेश में अब तक हुई इतनी फीसदी E-KYC

हिमाचल में जमीन की ई केवाईसी की प्रक्रिया जारी है. राजस्व विभाग के 20 फरवरी को जारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक प्रदेश में 29 फीसदी भूमि मालिकों ने ई केवाईसी कराई है. इसमें जिला किन्नौर सबसे आगे है. यहां 45 फीसदी भूमि मालिकों ने ई केवाईसी कराई है. इसी तरह से जिला बिलासपुर में 36 फीसदी, चंबा में 29 फीसदी, हमीरपुर में 41, कांगड़ा में 25, कुल्लू में 31, लाहौल स्पीति में 38, मंडी में 32, शिमला में 23, सिरमौर में 23, सोलन में 28 व ऊना में 29 फीसदी भूमि मालिक ई-केवाईसी करा चुके हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में अब संस्कृत टीचर बनने के लिए बीएड जरूरी, जानें नए नियम

ये भी पढ़ें: हिमाचल में फायर सीजन को लेकर तैयारियां, जंगलों की आग को रोकने के लिए डीसी हमीरपुर ने विभागों को दिए निर्देश

शिमला: हिमाचल प्रदेश में राजस्व विभाग ने सरकारी रिकॉर्ड अपडेट करने और भविष्य में किसी तरह के भूमि विवादों से बचने के लिए जमीन की ई केवाईसी की प्रक्रिया शुरू की है. जिसके तहत भूमि मालिकों के आधार नंबर को जमीन से लिंक किया जा रहा है. पिछले कुछ महीनों से हिमाचल के सभी जिलों में ये कार्य चल रहा है, लेकिन भूमि मालिकों को इस बात की जानकारी होना जरूरी है. प्रदेश भर में जितने पटवार सर्कलों के तहत उनकी जमीन पड़ती है, भूमि मालिक को सभी जगहों पर जमीन की ई केवाईसी करनी जरूरी है. तभी उसकी जमीन का पूरा रिकॉर्ड अपडेट होगा. प्रदेश के बहुत से भूमि मालिकों को इस बात की जानकारी नहीं है. इसलिए कई भूमि मालिकों ने एक ही पटवार सर्कल के तहत अपनी जमीन की ई केवाईसी की है. ऐसे में इन भूमि मालिकों को प्रदेश भर में जिले के किसी भी पटवार सर्कल के तहत पड़ने वाली जमीन की ई केवाईसी कराना अनिवार्य है.

E-KYC फॉर्मेट में बड़ा बदलाव

राजस्व विभाग ने जमीनों की ई-केवाईसी प्रक्रिया के फॉर्मेट में भी बड़ा बदलाव किया है. जिसके तहत जमाबंदी में दर्ज भूमि के खाते के बजाय अब हर भूमि मालिक को अपनी ई-केवाईसी करवानी होगी. प्रदेश में पहले यह प्रक्रिया भूमि खातों के आधार पर हो रही थी. जिसमें एक ही व्यक्ति के ई-केवाईसी होने पर खाते में दर्ज हर जमीन के शेयर होल्डर को सत्यापित माना जा रहा था. जिससे खाते में दर्ज अन्य जमीन मालिकों की ई-केवाईसी अधूरी रह जाती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस कमी को दूर करने के लिए खाते में दर्ज सभी भूमि मालिकों की ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है. बता दें कि राज्य में डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) के तहत ये काम किया जा रहा है. जिसमें मालिकों के आधार कार्ड को जमीन से लिंक किया जा रहा है, लेकिन खातों के आधार पर ई-केवाईसी होने से इसमें कई विसंगतियां पाई गईं. जिसके बाद इस प्रक्रिया में बदलाव के निर्देश दिए गए हैं. जिससे अब हर भूमि मालिक की पहचान और सत्यापन किया जा सकेगा.

राजस्व विभाग की निदेशक रितिका का कहना है, "हिमाचल प्रदेश में सरकारी रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए जमीन की ई केवाईसी की प्रक्रिया जारी है. भूमि मालिक को हर पटवार सर्कल के तहत अपनी जमीन की ई केवाईसी करानी होगी. भूमि मालिक जल्द से जल्द जमीन की ई केवाईसी करवाएं, ताकि भविष्य में किसी भी तरह से भूमि संबंधित विवादों से बचा जा सके."

एक क्लिक में मिलेगा जमीन का पूरा रिकॉर्ड

हिमाचल में किस भूमि मालिक के पास कितनी लैंड होल्डिंग है. इसका पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. प्रदेश में बहुत से लोगों की कई जिलों में जमीन है. जिस कारण विभाग के पास इसका पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, लेकिन ई केवाईसी होने से विभाग के पास लोगों की जमीन का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होगा. जो एक ही क्लिक पर सामने आ जाएगा. इससे भूमि मालिकों को भी एक ही जगह पूरी जमीन का रिकॉर्ड उपलब्ध होने से आसानी होगी. भूमि मालिकों को जमीन से संबंधित रिकॉर्ड लेने के लिए हर पटवार सर्कल में जाने की परेशानी से भी छुटकारा मिल जाएगा. ऐसे में आने वाले समय में जमीन का पूरा रिकॉर्ड सेनेटाइज होने जा रहा है. यही नहीं आधार से जमीन लिंक होने के कारण भूमि से संबंधित विवादों से भी बचा जा सकता है. वहीं, रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन होने के समय पहचान करने वाले व्यक्ति की भी आवश्यकता नहीं रहेगी. ई केवाईसी से जमीन से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों से भी बचा जा सकता है.

प्रदेश में अब तक हुई इतनी फीसदी E-KYC

हिमाचल में जमीन की ई केवाईसी की प्रक्रिया जारी है. राजस्व विभाग के 20 फरवरी को जारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक प्रदेश में 29 फीसदी भूमि मालिकों ने ई केवाईसी कराई है. इसमें जिला किन्नौर सबसे आगे है. यहां 45 फीसदी भूमि मालिकों ने ई केवाईसी कराई है. इसी तरह से जिला बिलासपुर में 36 फीसदी, चंबा में 29 फीसदी, हमीरपुर में 41, कांगड़ा में 25, कुल्लू में 31, लाहौल स्पीति में 38, मंडी में 32, शिमला में 23, सिरमौर में 23, सोलन में 28 व ऊना में 29 फीसदी भूमि मालिक ई-केवाईसी करा चुके हैं.

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Last Updated : Feb 21, 2025, 11:06 AM IST
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