सिवनी: पेंच टाइगर रिजर्व में रेस्क्यू किए गए बाघ के एक शावक में शिकार करने की ताकत नहीं बची थी. जिसके चलते बाघ को वन विहार भोपाल में शिफ्ट किया गया है. इस बाघ के शावक को कुछ दिन पहले पेंच टाइगर रिजर्व के पास एक रिसॉर्ट से रेस्क्यू कर पकड़ा गया था. बाघ को मां बाघिन ने छोड़ दिया था, जिसके चलते वह शिकार करना ठीक से नहीं सीख पाया.
बाघ में शिकार करने की नहीं थी ताकत, भोपाल शिफ्ट
20 अगस्त को टुरिया गांव में एक रिसॉर्ट से बाघ शावक को रेस्क्यू किया गया था, जिसकी उम्र लगभग 16 से 18 माह है. रेस्क्यू के बाद उसे खवासा वन्यप्राणी चिकित्सा सुविधा में रखा गया था. रेस्क्यू के दौरान ही उसके खून के नमूने भी लिए गए थे तथा नानाजी देशमुख वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर से आई रिपोर्ट में उसमें कोई भी बीमारी नहीं पाई गई. लेकिन वन प्राणी विशेषज्ञों ने बताया कि बाघ के शावक में फिलहाल शिकार करने की ताकत नहीं है. इसलिए खुले जंगल में छोड़ना शावक के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. फिलहाल शावक को वन विहार भोपाल में शिफ्ट किया गया है. जहां पर उसकी देखरेख की जाएगी और विभाग के द्वारा उसे खाना दिया जाएगा.
क्यों कमजोर हुआ जंगल का राजा ये है वजह
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह के मुताबिक, बाघ शावक को पहले भी उसकी मां के द्वारा दो से तीन अवसरों पर अपने से अलग कर दिया गया था. 20 अगस्त को रेस्क्यू के बाद बाघ की हालत देखकर वन्यप्राणी चिकित्सक का मानना था कि पिछले कुछ दिनों से उसकी मां ने उसे अपने से अलग कर दिया था इसी वजह से वह कमजोर था और भोजन की तलाश में ग्रामीण क्षेत्र में आ गया था. बाघ शावक खुद में शिकार करने की ताकत नहीं होने की वजह से उसे मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक ने जंगल में छोड़ने की वजह वन विहार भेजे जाने का निर्णय लिया. जिसे 24 अगस्त को उसे वन विहार रवाना कर दिया गया.''